नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे। यह कार्यक्रम दिल्ली स्थित अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित होगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 1 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्र के प्रति संघ के योगदान को दर्शाने वाला विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे।
बयान में कहा गया है कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। संघ की स्थापना एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में की गई थी, जिसका लक्ष्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए एक अनूठा जन-पोषित आंदोलन है। इसके उदय को सदियों के विदेशी शासन के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया है और इसके निरंतर विकास का श्रेय धर्म में निहित भारत के राष्ट्रीय गौरव के इसके दृष्टिकोण की भावनात्मक प्रतिध्वनि को दिया जाता है।
संघ का मुख्य जोर देशभक्ति और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण पर है। यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, अनुशासन, संयम, साहस और वीरता का संचार करता है। संघ का अंतिम लक्ष्य भारत का सर्वांगीण उन्नति (सर्वांगीण विकास) है, जिसके लिए प्रत्येक स्वयंसेवक स्वयं को समर्पित करता है।
संघ ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संघ के स्वयंसेवकों ने बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। इसके अलावा, संघ के विभिन्न सहयोगी संगठनों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को मज़बूत बनाने में योगदान दिया है।
बयान के अनुसार, शताब्दी समारोह न केवल संघ की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करता है बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इसके स्थायी योगदान और राष्ट्रीय एकता के संदेश को भी उजागर करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार