नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। बिहार में रेल नेटवर्क को और मज़बूत करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नवादा–पावापुरी को जोड़ने वाली नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह रेल लाइन 25.10 किलोमीटर लंबी होगी और इसके निर्माण पर लगभग 492.14 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। यह स्वीकृति भारतीय रेल की नई लाइन परियोजनाओं के लिए बनाए गए अम्ब्रेला वर्क्स 2024-25 के तहत दी गई है।
रेल मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के पूरा होने से नवादा को पावापुरी तक सीधा रेल संपर्क मिलेगा। पावापुरी एक प्रमुख जैन तीर्थस्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस परियोजना के पूरा होने से यहां सड़क के साथ-साथ रेल से भी आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इससे श्रद्धालुओं की यात्रा सुविधाजनक होगी और सड़क यातायात का दबाव भी घटेगा। इतना ही नहीं पारसनाथ व जल मंदिर की यात्रा भी सुविधाजनक होगी।
नई रेल लाइन से जैन सर्किट में धार्मिक पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा। नवादा–नालंदा–राजगीर क्षेत्र की यात्रा का समय कम हो जाएगा और राजगीर व बिहार शरीफ से कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इसके साथ ही नवादा क्षेत्र को नालंदा और प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। परियोजना से कादिरगंज के पारंपरिक रेशमी उद्योग को बड़े बाज़ार तक पहुंचने में मदद मिलेगी और भागलपुर तक व्यापार को नई गति मिलेगी।
यह रेल परियोजना केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि शैक्षिक, औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी। नालंदा विश्वविद्यालय और बोधगया जैसे शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्रों तक पहुंच आसान होगी। इसके निर्माण के दौरान स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर मिलेंगे और पूरा होने के बाद उद्योग-व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही यह पहल रजौली में प्रस्तावित 2000 मेगावाट परमाणु ऊर्जा संयंत्र सहित क्षेत्रीय विकास की अन्य योजनाओं को भी गति देगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार