(अपडेट) जारो इंस्टीट्यूट ने किया निराश, फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

युगवार्ता    30-Sep-2025
Total Views |
जारो इंस्टीट्यूट की फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव


नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। एडटेक कंपनी जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एंड रिसर्च लिमिटेड के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में फ्लैट एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 890 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई और एनएसई पर इसकी लिस्टिंग बिना किसी बदलाव के 890 रुपये के स्तर पर ही हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण इसकी चाल में गिरावट आ गई। पूरे दिन का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 744.25 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 16.38 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एंड रिसर्च लिमिटेड का 450 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 से 25 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 23.20 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 37.19 गुना सब्सक्राइब हुआ था। नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 37.32 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 9.15 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 170 करोड़ रुपये के 19,10,112 नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 280 करोड़ रुपये के 31,46,067 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग और एडवर्टाइजमेंट एक्टिविटीज पर खर्च करने, पुराने कर्ज के बोझ को कम करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी को 51.67 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था, जबकि 254.02 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई थी। वहीं इस वित्त वर्ष के आखिर में कंपनी पर 51.11 करोड़ रुपये का कर्ज था, जबकि रिजर्व और सरप्लस में कंपनी के पास 151.31 करोड़ रुपये पड़े थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

Tags