साइबर सुरक्षा के बिना भारत का नहीं हो सकता विकासः अमित शाह

युगवार्ता    20-Jun-2022
Total Views |
 
Union Home Minister Amit
 
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ((Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि देश के विकास के लिए साइबर सुरक्षित (Cyber Safety) भारत ( India) का निर्माण बेहद महत्वपूर्ण है। आज के दौर में साइबर सुरक्षा के बिना भारत का विकास नहीं हो सकता है।
 
यहां विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Pm Modi ) की पहल से भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और तकनीक के इस्तेमाल को हर स्तर पर ले जाया गया है। प्रधानमंत्री का विजन है कि हर भारतीय को टेक्नोलॉजी और इंटरनेट (Technology And Internet) के जरिए खुद को सशक्त बनाना चाहिए। डिजिटल इंडिया (Digital India) कार्यक्रम के कारण, हमारे जीवन में सशक्तिकरण और सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं ।
 
उन्होंने कहा कि साइबर तकनीकी की ही देन है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से एक क्लिक करते हैं और 130 करोड़ भारतीयों को सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) उनके खाते में चुटकी बजाते पहुंच जाती है। किंतु, अगर यह हमारी उपलब्धि है तो चुनौती भी है।
 
शाह ने कहा कि अगर साइबर सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो यह ताकत हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है । उन्होंने कहा कि यदि कोई साइबर सुरक्षित भारत की कल्पना करता है, तो सबसे महत्वपूर्ण आधार जन जागरूकता है। टेक्नोक्रेट जितना चाहें सुरक्षा सुविधाओं पर शोध कर सकते हैं, लेकिन अगर लोग जागरूक नहीं हैं, तो इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
 
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर स्पेस का दुरुपयोग नई बात नही है। डेटा चोरी, पोर्नोग्राफी, ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले आने वाले दिनों में बढ़ने वाले हैं। क्योंकि आज देश की 80 करोड़ आबादी अपनी ऑनलाइन मौजूदगी दर्ज करा रही है। वर्ष 2025 में इसमें लगभग 231 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होने वाली है। क्योंकि प्रति जीबी डेटा की लागत में 96 प्रतिशत की कमी आई है। जैसे-जैसे डेटा सस्ता होगा, वैसे-वैसे ये संख्या और बढ़ेगी।
 
शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में साइबर सुरक्षा की चुनौती किस कदर बढ़ने वाली है इसको आंकड़ों के आधार पर समझें तो देश में पिछले आठ साल में 45 करोड़ नए बैंक खाते खुले हैं। 32 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड बंटे हैं। ये आंकड़ा बता रहा कि कारोबार कितना बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यूपीआई के जरिए लेनेदेन वर्ष 2021 तक एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ गया है। यूपीआई अब ग्लोबल हो गया है। सिंगापुर, नेपाल, भूटान, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस में भी यह स्वीकार है।
 
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में साइबर सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा किस तरह जुड़ा है, समझा जा सकता है। आने वाले दिनों में हमें साइबर सुरक्षा और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।