धर्मशाला, 04 अक्टूबर (हि.स.)। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि चीन में आज के समय में बौद्ध विहार और गौतम बुद्ध को मानने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। एक समय में चीन में इनकी संख्या में कमी आई थी। उन्होंने कहा कि चीन के लोगों के साथ कई वर्षों से हमारा कर्मों का संबंध रहा है। यह शब्द दलाई लामा ने बुधवार को मैकलोडगंज स्थित मुख्य मंदिर में ताइवानी बौद्ध संघ के अनुरोध पर आर्यअवलोकितेश्वर पर प्रवचन देते हुए कहे। उन्होंने कहा कि चीन के बहुत सारे संकुचित विचारधारा वालों की वजह से तिब्बत में धर्म और अभ्यास को रोक दिया गया था।
ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज में बुधवार को स्वास्थ्य ठीक होने के बाद बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा की टीचिंग शुरू हो गई है, जिसे सुनने के लिए लोग देश-विदेशों से भी यहां पहुंच रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन में आज भी बौद्ध धर्म को मानने वाले काफी लोग हैं। यह मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि चीन में नीति और व्यवस्था का बदलाव हो रहा है। अब चीन में भी बुद्ध को मानने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। विश्व में शांति के लिए हर कोई शोर मचा रहा है और आवाज उठा रहा है, लेकिन उसके लिए पहले अपने को शांत करना होगा। मन की शांति दूसरों का हित करने से मिलती है। कोई दवाई खाने से मन शांत नहीं होता है। प्रेम और करुणा के पथ पर चल कर ही विश्व में शांति फैलाई जा सकती है। प्रेम और करुणा को हर कोई पसंद करता है। इसलिए अच्छे व्यक्ति बनें और जितना हो सके दूसरों का हित करें।
दलाई लामा ने कहा कि प्रेम की भावना हमारे भीतर जन्म से ही होती है। जब हम मां के गर्भ में होते हैं तो प्रेम की वजह से ही हम लोग उसके गर्भ में पलते हैं। वहीं जन्म लेने के बाद भी मां के दूध और प्रेम पर ही निर्भर रहते हैं। इसके बाद भी हम प्रेम से मां के सानिध्य में बड़े होते हैं। इसलिए प्रेम हमारे अंदर बचपन से ही होता है। बता दें कि 2 से 4 अक्तूबर तक चलने वाली टीचिंग के आखिरी दिन ही दलाई लामा ने प्रवचन दिए।
दलाई लामा ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेताओं को दी बधाई
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने को ड्रू वीसमैन और कैटलिन कारिको को पत्र लिखकर चिकित्सा में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार जीतने पर उन्हें बधाई दी। मैं आपकी उपलब्धि की सराहना करता हूं और जिस तरह से आपने दूसरों के लाभ के लिए समर्पित सेवा के माध्यम से अपने जीवन को सार्थक बनाया है।
सिक्किम में बाढ़ पर दुख जताया
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को लिखे एक पत्र के माध्यम से दलाई लामा ने सिक्किम में हुई जान-माल की हानि और संपत्ति की व्यापक क्षति पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, मैं उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। साथ ही इस आपदा से प्रभावित अन्य लोगों के प्रति भी, और उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। मैंने दलाई लामा ट्रस्ट से राहत और बचाव प्रयासों के लिए दान देने को कहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील/आकाश