रूस-यूक्रेन युद्द के एक साल

12 Apr 2023 12:49:38

पिछले साल 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था। अब उसे एक साल से ऊपर हो गया है। जिस युद्ध को चंद दिनों में खत्म करने का दावा हो रहा था उसे एक साल हो गए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस इतने लंबे युद्ध में पड़ा है। इस एक साल चले युद्ध में वैश्विक स्तर पर भी अनेक कठिनाइयां आई हैं खाद्य, तेल, गैस, और मैन्युफैक्चरिंग का संकट पूरे विश्व में गहराया है। यूरोप में महंगाई आसमान छू रही है।

 
रूस-यूक्रेन युद्द के एक साल

24 फरवरी को लगभग 5 बजे रूस ने पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियानकी घोषणा की। कुछ मिनट बाद ही राजधानी कीव सहित पूरे यूक्रेन में मिसाइल हमले शुरू हो गए। यूक्रेनी सीमा सेवा ने कहा कि रूस और बेलारूस के साथ उसकी सीमा चौकियों पर हमला किया गया। इसके दो घंटे बाद रूसी सैन्य बलों ने देश में प्रवेश किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मार्शल लॉ लागू करके, रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़कर सामान्य लामबंदी का आदेश दिया। इस आक्रमण को व्यापक अंतरराष्ट्रीय निंदा मिली, जिसमें रूस पर लगाए गए प्रतिबंध भी शामिल थे, जबकि रूस में युद्ध-विरोधियों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया गया था।

दोनों देशों के बीच शांति वार्ता कई बार शुरू हुई और फिर अधूरी रह गई। इस बात पर विचार करना जरूरी है कि दोनों देशों के युद्ध को कैसे समाप्त किया जा सकता है और युद्ध समाप्त होने से पहले किन स्थितियों की आवश्यकता है। हालांकि, युद्ध के दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन की लोकप्रियता अधिक बनी रही था, लेकिन अगर रूस को युद्ध हारना पड़ा, तो इससे पुतिन का तख्तापलट हो सकता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से रूस का यह सबसे बड़ा युद्ध है। हालांकि रूस इसे युद्ध नहीं बल्कि 'स्पेशल सैन्य आॅपरेशन' कहता है। दोनों तरफ से हजारों लोग मारे जा चुके हैं। एक करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ कर चले गए हैं। यूरोप में ऊर्जा संकट और अफ्रÞीका में खाने पीने के सामान की कीमत आसमान छू रही है।

इस युद्ध ने रूस की सैनिक क्षमता की कलई खोल दी है। रूस के सैनिक सामर्थ्य पर सवाल उठने लगे हैं और उसकी साख बचेगी या नहीं, यही आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी। युद्ध के कारण वैश्विक ध्रुवीकरण हुआ है जिसमें पश्चिमी देश एक तरफ लामबंद हैं और दूसरी तरफ रूस और चीन के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं। यह ना केवल रूस और यूक्रेन बल्कि पूरी दुनिया और खासकर विकासशील देशों के लिए विनाशकारी युद्ध रहा है। इसने दूसरे शीत युद्ध की शुरुआत कर दी है जिसमें पश्चिमी देश भी बराबर के जिÞम्मेदार हैं। भारत समेत दुनिया भर के करीब दो-तिहाई देश किसी एक खेमे में रहे बगैर भी अपना काम चला सकते हैं।

वित्तीय संस्थानों, ऊर्जा और खाद्य पदार्थों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने के कारण दुनिया वैकल्पिक रास्तों और व्यवस्था की तलाश में है। कई देश अपनी राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार करने पर विचार कर रहे हैं। दुनिया के सुपर पावर का खौफ अब कम हो गया है। फिलहाल इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि युद्ध रुक जाए क्योंकि कोई भी पक्ष इस समय किसी निर्णायक स्थिति में नहीं है। रूस पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता और यूक्रेन घुटने टेकने के लिए तैयार नहीं है।

तारीखों के आईने में घटनाक्रम

फरवरी, 2022: यूक्रेन पर रूसी

सेना ने हमला किया। रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाकों तक

पहुंच गए।

मार्च, 2022: रूसी सेना ने खेरसोन पर कब्जा कर लिया और मारियुपोल की महीनों तक चली घेराबंदी शुरू कर दी।

अप्रैल, 2022: कीव से रूसी सेना पीछे हटने को मजबूर हुई और बूचा शहर में युद्ध अपराध के कई मामले सामने आए। यूक्रेन ने मोस्कवा नामक ब्लैक सी बेड़ा ध्वस्त कर दिया जो कि रूस के लिए पहला बड़ा सैन्य झटका था।

मई, 2022: अजोवस्टाल स्टील फैक्ट्री के भीतर से लड़ रहे यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सेना के आगे सरेंडर कर दिया। तीन महीने के भीषण युद्ध के बाद मारियुपोल का पतन हुआ और रूस ने यूक्रेन के लाइमन शहर पर भी कब्जा कर लिया।

जून, 2022: पश्चिमी देशों के हथियार

और अधिक मात्रा में यूक्रेन पहुंचने लगे। यूरोपीय यूनियन ने आधिकारिक तौर पर यूक्रेन और मॉलडोवा को सदस्य बनाने की दावत दी। रूस ने सेवेरोडोनेत्सक शहर पर कब्जा कर लिया।

जुलाई, 2022: रूस ने ओलेनिवका शहर पर मिसाइल हमला किया। मारियुपोल में पकड़े गए यूक्रेन के सैनिकों को यहां रखा गया था। इस हमले में 53 लोगों की मौत हुई थी। तुर्की और यूएन ने मिलकर यूक्रेन से अनाज के निर्यात को सुनिश्चित करवाया। रूस ने उनपर हमले नहीं किए।

अगस्त, 2022: रूसी एयर बेस क्राइमिया में विस्फोट हुआ। रूस के लिए यह बड़ा झटका था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के विशेषज्ञों ने यूक्रेन के शहर जापोरिज्जिया स्थित परमाणु पावर प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने सेफ्टी जोन का सुझाव दिया लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।

सितंबर, 2022: पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सेना को लामबंद करने का आदेश दिया। इसके अलावा यूक्रेन के चार जगहों (डोनेटस्क, लुहांस्क, खेरसोन, जापोरिज्जिया) को रूस में विलय करने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया। लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्सकी ने करीब 6000 वर्ग किलोमीटर इलाके को रूसी सेना से वापस लेने का दावा किया। सितंबर में ही पुतिन ने कहा था कि अपनी सीमा की रक्षा के लिए वो सभी संभव उपाय का इस्तेमाल करेंगे। कुछ लोग इसे पुतिन के परमाणु हथियार के इस्तेमाल की धमकी कह रहे थे।

अक्टूबर, 2022: यूक्रेन ने क्राइमिया के पुल को उड़ा दिया जो कि क्राइमिया को रूस से जोड़ता है। रूस ने पहली बार ईरान निर्मित ड्रोन से हमला किया।

नवंबर, 2022: रूस ने खेरसोन से पीछे हटने की घोषणा की, नेटो ने एक बार फिर यूक्रेन को मदद करते रहने का आश्वासन दिया।

दिसंबर, 2022: युद्ध शुरू होने के बाद से पहली बार जेलेन्सकी यूक्रेन से बाहर निकले और अमेरिका का दौरा किया।

जनवरी, 2023: रूस ने यूक्रेन के निप्रो शहर में रिहाइशी बिल्डिंग पर मिसाइल दागा जिसमें 45 आम नागिरक मारे गए।

फरवरी, 2023: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अचानक यूक्रेन पहुंचे और यूक्रेन को मदद करते रहने का यकीन दिलाया।

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