तटस्थ अनाज भी है फायदेमंद

युगवार्ता    20-Apr-2023   
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तटस्‍थ अनाज हमारे शरीर में कोई रोग उत्‍पन्‍न नहीं करते बल्कि हमारे शरीर को यथावत स्‍वस्‍थ बनाए रखते हैं। इसलिए चावल और गेहूं के बदले इन अनाजों का यथासंभव उपयोग किया जाना चाहिए।
तटस्‍थ अनाज वैसे अनाज को कहा जाता है जो हमारे शरीर के अंदर नई बीमारियों का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन हमारे स्वास्थ्य विकारों और बीमारियों को ठीक करने में भी हमारी मदद नहीं करते हैं। डॉ. खादर वली ने रखा है इस श्रेणी के अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, चेना और मक्‍का को रखा है। इनमें फाइबर की मात्रा 1.2 से 3.6 प्रतिशत तक होती है। तटस्‍थ अनाज हमारे शरीर में कोई रोग उत्‍पन्‍न नहीं करते बल्कि हमारे शरीर को यथावत स्‍वस्‍थ बनाए रखते हैं। इसलिए चावल और गेहूं का कम से कम इस्‍तेमाल करें। इसके बदले सिरिधान्‍य और तटस्‍थ अनाजों का यथासंभव उपयोग किया जाना चाहिए। हम यहां तटस्‍थ अनाजों के बारे में बता रहे हैं-
ज्‍वार 
ज्‍वार- ज्‍वार में 1.3 प्रतिशत फाइबर और 10.4 प्रतिशत प्रोटीन होता है। ज्‍वार की तासीर ठंडी होता है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से ज्‍वार स्‍वस्‍थ पाचन के लिए बेहतर अनाज है। ज्वार एक ग्लूटेन फ्री अनाज है। कब्‍ज होने नहीं देता और मोटापा पर नियंत्रण रखता है। अगर आप वजन बढ़ने नहीं देना चाहते तो ज्‍वार एक अच्‍छा ऑप्‍शन है। हमारे शरीर के अंदर यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है। ज्‍वार हमारे शरीर के अंदर कोलेस्‍ट्रॉल लेवल सामान्‍य बनाए रखता है। इसलिए हृदय रोग की समस्‍या उत्‍पन्‍न नहीं होती। यह हमारे खून में शुगर लेवल को सामान्‍य बनाए रखता है। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए यह फायदेमंद है। यह शरीर में कैल्सियम लेवल को सामान्‍य रखता है इसलिए हड्डियों से संबंधित बीमारी उत्‍पन्‍न नहीं होती है। ज्‍वार के सेवन हमारे दांत और आंख स्‍वस्‍थ रहते हैं। सुदूर गांवों में आज भी दांत दर्द और मसूड़ों के दर्द में ज्वार के बीजों को पीसकर दांतों और मसूड़ों पर लगाया जाता है।
बाजरा 
 बाजरा - बाजरा को अंग्रेजी में पर्ल मिलेट कहते हैं। इसमें 1.2 प्रतिशत फाइबर और 11.6 प्रतिशत प्रोटीन होता है। बाजारा के सेवन कब्‍ज की समस्‍या नहीं होती। यह वजन कंट्रोल करने में मदद करता है। बाजारा एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर होता है। बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिस कारण से यह अचानक से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने नहीं देता है। इसलिए डायबिटिज के मरीजों के लिए बाजरा फायदेमंद है। बाजरा कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करता है। इससे दिल की सेहत अच्छी बनी रहती है। बजारा हमारे ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमारे शरीर में एनर्जी बनाए रखता है। गर्मियों में आप बाजरे की लस्सी पी सकते हैं जिससे तुरंत एनर्जी मिलती है। बाजरा ग्‍लूटेन फ्री अनाज होता है। इसके सेवन से हमारी त्‍वचा खराब नहीं होती। इससे अच्‍छी नींद आती है। इसमें आयरन 8 प्रतिशत होता है। जिन महिलाओं को खून की कमी होता है उनके लिए इसका सेवन फायदेमंद है।
“तटस्‍थ अनाज हमारे शरीर के अंदर नई बीमारियों का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन हमारे स्वास्थ्य विकारों और बीमारियों को ठीक करने में भी हमारी मदद नहीं करते हैं। - डॉ. खादर वली 

रागी  
रागी- रागी अनाज में 3.6 प्रतिशत फाइबर और 7.1 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। स्‍वाद में यह थोड़ा कड़वा लगता है। लेकिन प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट और खनिज से भरपूर होते हैं जिस कारण से इसे सुपरफूड कहा जाता है। यह वजन कंट्रोल करने में मदद करता है। रागी ग्लूटेन फ्री और नॉन–एसिडिक है जिससे यह ग्लूटेन, गैस आदि से परेशान लोगों और बच्चों के लिए अच्‍छा अनाज है। रागी में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां, दांत मजबूत रहते हैं और हड्डियों से जुड़ी बीमारी नहीं होती है। यह बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। यह विटामिन डी से भी भरपूर होता है। जो लोग सूरज की किरणों से विटामिन डी नहीं ले पा रहे हैं उनके लिए रागी का सेवन एक अच्‍छा ऑप्‍सन है। रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे ब्लड शुगर एकाएक नहीं बढ़ता है। इसके सेवन से महिलाओं में एनीमिया होने के आसार कम हो जाते हैं। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में चिंता और चिंता की वजह से कम उम्र में व्‍यक्ति ज्‍यादा उम्र का दिखने लगता है। इस मामले में रागी हमारे शरीर एंटी एजिंग का काम करता है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो बुढ़ापा देर से आता है। शरीर में एनर्जी बनाए रखना चाहते हैं तो रागी का सेवन फायदेमंद है। आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होने की वजह से रागी बच्चों के लिए पोषण से भरपूर अनाज माना जाता है। साथ ही यह खराब कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रोक कम करने में भी मदद करता है।
चेना 
चेना - यह बाजरे की ही एक प्रजाति है। इसे अंग्रेजी में प्रोसो मिलेट कहते हैं। चेना में 2.2 प्रतिशत फाइबर और सबसे ज्‍यादा 12.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से पाचन ठीक रहता है। इसके खाने से भूख कम लगती है इसलिए वजन कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से हमारे शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से व्‍यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक रहता है। साथ ही हाइपरटेंशन और भूलने की बीमारी जैसे समस्याएं उत्‍पन्‍न नहीं होती। चेना में 5.9 प्रतिशत आयरन होता है। इसके सेवन से व्‍यक्ति में खून की कमी नहीं होती है। यह वैसी महिलाएं के लिए भी फायदेमंद हैं जिन्‍हें एनीमिया की शिकायत रहती है।
मक्‍का
 
मक्‍का- मक्‍का की गिनती मोटे अनाज में होता है। इसमें 2.7 प्रतिशत फाइबर और 11.1 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से हमारे शरीर में पाचन को दुरुस्‍त रखता है। यह हमारे शरीर के वजन को नियंत्रण में रखता है। डायबिटीज के मरीजों को खून में शुगर लेवल को नियंत्रण में रखता है। इसके नियमित सेवन से हड्डियां मजबूत होती है। चेहरे और बालों की सुंदरता बनाए रखता है। इसके सेवन से अल्‍जाइमर की समस्‍या उत्‍पन्‍न नहीं होती। यह हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद है। इसकी वजह से कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। इसलिए दिल के मरीजों को इसका सेवन करना चाहिए। इसमें 2.1 प्रतिशत आयरन होता है। यह हमारे शरीर में आयरन की नहीं होने देता। वहीं एनीमिया से भी हमारा बचाव करता है।
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संजीव कुमार

संजीव कुमार (संपादक)
आप प्रिंट मीडिया में पिछले दो दशक से सक्रिय हैं। आपने हिंदी-साहित्य और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। आप विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुडे रहे हैं। राजनीति और समसामयिक मुद्दों के अलावा खोजी रिपोर्ट, आरटीआई, चुनाव सुधार से जुड़ी रिपोर्ट और फीचर लिखना आपको पसंद है। आपने राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा की पुस्तक ‘बेलाग-लपेट’, ‘समय का सच’, 'बात बोलेगी हम नहीं' और 'मोदी-शाह : मंजिल और राह' का संपादन भी किया है। आपने ‘अखबार नहीं आंदोलन’ कहे जाने वाले 'प्रभात खबर' से अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत की। उसके बाद 'प्रथम प्रवक्ता' पाक्षिक पत्रिका में संवाददाता, विशेष संवाददाता और मुख्य सहायक संपादक सह विशेष संवाददाता के रूप में कार्य किया। फिर 'यथावत' पत्रिका में समन्वय संपादक के रूप में कार्य किया। उसके बाद ‘युगवार्ता’ साप्तहिक और यथावत पाक्षिक के संपादक रहे। इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ पाक्षिक पत्रिका के संपादक हैं।