शिवराज में राम काज

युगवार्ता    18-May-2023   
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श्री रामचन्द्र पथ गमन राम भक्‍तों के लिए दूर की कौड़ी नहीं रह गया है। यह सपना अयोध्‍या में भव्‍य श्रीराम मंदिर निर्माण की तरह ही जमीन पर हकीकत रूप लेने जा रहा है। सिर्फ कुछ दिनों की ही प्रतीक्षा शेष बची है।


मध्‍य प्रदेश कैबिनेट बैठक 

इसे राजनीतिक इच्‍छा शक्‍ति का प्रबल प्रवाह ही कहा जाएगा कि सत्ता में आते ही मध्‍य प्रदेश में रामपथ गमन स्थलों का चयन कर उनके विकास की चरण बद्ध योजनाएं संचालित होनी शुरू हुईं और अब श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास के गठन की स्वीकृति देकर मध्‍य प्रदेश की शिवराज सरकार ने इसे पूर्णता प्रदान कर दिया है। प्रदेश मंत्रिमण्‍डल में इस कार्य को स्‍वीकृति देने के बाद मुख्‍यमंत्री शिवराज ने ट्वीट किया राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं। वनवास के समय प्रभु श्री राम जिन मार्गों से होकर गुजरे, वहां हम राम वन गमन पथ बना रहे हैं। आज कैबिनेट ने 'श्री रामचंद्र पथ-गमन न्यास' के गठन का निर्णय लिया है, जो वहां होने वाले विभिन्न विकास कार्यों की देखरेख करेगा। देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

सबसे अच्छी बात यह है कि श्री रामचन्द्र पथ गमन न्‍यास के अध्यक्ष स्‍वयं मुख्यमंत्री हैं। न्यास का काम वनवास के समय श्री राम पथ गमन स्थलों का सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विकास करना है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में जिन 23 स्थलों को चिन्हित किया है, उनमें कार्य किए जाने पर विशेष जोर रहेगा। न्यास के संचालन के लिए समय-समय पर विशेषज्ञ समितियों का गठन करने के साथ ही परियोजना प्रबंधन इकाई गठित की जाएगी। इकाई में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए सात पद रखे गए हैं। इसके साथ ही न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी समेत 32 नए पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है। जिस पर वार्षिक एक करोड़ 57 लाख रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2003 में भाजपा की उमा भारती की सरकार आते ही श्रीराम पथ गमन पर पर काम शुरू हो गया था। उसके बाद बाबूलाल गौर फिर शिवराज सिंह चौहान ने इस पर निरंतर काम किया। सबसे पहले उन रास्‍तों को विकसित करने की चुनौती सामने थी, जहां-जहां से भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्‍मण के साथ गुजरे थे। इसके लिए सर्वप्रथम सरकार ने उन स्‍थानों पर सड़कों का जाल बिछाना शुरू किया। प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने 28 फरवरी 2022 को मीडिया को विस्तार से बताया था कि श्री रामचन्द्र गमन पथ को लेकर मध्‍य प्रदेश की भाजपा सरकार किस तरह से काम कर रही है और यह जल्द बनकर तैयार हो जाएगा।

उषा ठाकुर ने पत्रकारों के बीच यह दावा भी किया था कि जल्द ही राम वन गमन पथ न्यास बनाकर, राम वन गमन पथ योजना को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बता दिया था कि सरकार क्‍या चाहती है और क्‍या करने जा रही है। उन्‍होंने साफ कर दिया था कि 'राम वन गमन पथ हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है। आचार्य शंकर न्यास जो हमने ओंकारेश्वर में बनाया है, उसकी तर्ज पर ही राम वन पथ गमन न्यास बनाया जाएगा। इस योजना पर तेजी से काम शुरू हो सके, इसके लिए हमने इसे धर्मस्व विभाग से निकालकर, संस्कृति विभाग में शामिल किया है'। अब मंत्रिपरिषद की स्‍वीकृति मिल जाने के बाद जो एक वर्ष पहले संस्‍कृति मंत्री उषा ठाकुर की तरफ से कहा गया था, उस पर पूरी तरह से मुहर लग गई है।

राम पथ को लेकर मुख्‍यमंत्री शिवराज सरकार कितनी गंभीर थी, यदि इसकी झलक देखनी हो तो हमें बहुत पीछे जाना होगा। लेकिन जब 2021 को देखते हैं तो जुलाई माह में सीएम शिवराज का वह निर्णय सामने आ जाता है जिसमें मध्य प्रदेश में रामपथ वन गमन के विकास को लेकर राज्य सरकार तेजी से कार्य करती दिखती है। योजना के पहले चरण में चित्रकूट से शुरू हो रहे रामपथ वन गमन मार्ग के निर्माण की फिजीबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने के लिए आध्यात्म विभाग ने एक करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी। कलेक्टर को कहा गया कि वे स्‍वयं 15 दिन में संबंधित विभागों की बैठक लेकर प्रगति की समीक्षा करें और सीधे सीएम सचिवालय को अपडेट करें।

फिर शुरू हुई गंगा शयन आरती की तर्ज पर मंदाकिनी शयन आरती। प्रदेश की पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर इस कार्य के लिए बार-बार चित्रकूट के दौरे पर पहुंचती रहीं। उनका पूरा का पूरा फोकस सिर्फ रामपथ वन गमन पर था। इस पथ के निर्माण की पूरी रूपरेखा तैयार करवाने में उनकी सक्रियता काबिलेतारीफ थी। रामपथ वन गमन मार्ग को तीन चरणों मे पूरा करने का जब खाका बना तो उसमें तय किया गया कि पहले चरण में कामदगिरि परिक्रमा, दूसरे चरण में चित्रकूट की 84 कोसी परिक्रमा स्थल और तीसरे चरण में रामपथ वन गमन के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को सरकार द्वारा विकसित किया जाएगा। फिर सरकार की ओर से निर्देश जारी कर दिए गये कि रामपथ वन गमन मार्ग प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार करते समय स्थानीय लोगों, साधु-संतों, जन-प्रतिनिधियों से राय लेकर आगे जमीनी योजना तैयार हो।

तथ्‍यों पर गौर करें तो 2022 में मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ (कॉरिडोर) का काम शुरू करने के लिए पहले चरण में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने पर जोर देते हुए शिवराज सरकार 300 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देना था। काम की समय सीमा भी तय की गई। इससे पहले कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2019 में कार्ययोजना तैयार करते हुए जरूर 22 करोड़ रुपये स्‍वीकृत किए थे, लेकिन पथ के निर्माण को लेकर अध्यात्म विभाग के अधिकारियों की अरुचि के चलते यह काम कभी जमीन पर नहीं उतर सका। लेकिन अब जो होने जा रहा है, उससे लगता है कि श्री रामचन्द्र पथ गमन राम भक्‍तों के लिए दूर की कौड़ी नहीं रह गया है। यह सपना अयोध्‍या में भव्‍य श्रीराम मंदिर निर्माण की तरह ही जमीन पर हकीकत में पूरा होने जा रहा है, बात सिर्फ कुछ दिनों की ही शेष बची है।



राम वन गमन पथ  

राम पथ गमन क्षेत्र व स्थल

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम वनवास के समय जिन रास्तों से निकले उसके विकास में तेजी आएगी। रामपथ गमन में चित्रकूट, पन्ना, बधवारा (कटनी), रामघाट (जबलपुर), राम मंदिर तालाब, रामनगर मंडला, शहडोल, डिंडौरी और अमरकंटक शामिल हैं। विस्‍तार से स्‍थलों को देखें तो इसमें स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिह्ना आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल हैं। यहां के दर्शन पथ में पन्ना के प्राणनाथ मंदिर, राम जानकी मंदिर, जुगल किशोर मंदिर, बल्देव जी मंदिर व गोविंद जी मंदिर के दर्शन होंगे। साथ ही अमरकंटक में नर्मदा उद्गम, श्रीयंत्र मंदिर, पटलेश्वर महादेव, कपिलधारा, बधवारा में बांधवगढ़ नेशनल पार्क, शेष शैया, बांधवगढ़ फोर्ट, बानसागर झील, रामघाट जबलपुर में चौसठ योगिनी मंदिर, भेड़ाघाट, योगिनी मंदिर, डिंडौरी में चाड़ा, मेटल क्राफ्ट, बैंबू आर्ट, डगोना वाटर फाल भी देखने मिलेंगे। इसके अलावा राम वन गमन पथ में पुरानी शहरी व्यवस्था का नमूना देखने को मिलेगा। रास्‍ते में बड़े भवनों का आर्किटेक्चर भी दिखाई देगा जो प्राचीन समय की याद दिलाएगा तो वहीं यात्री निवास, बांस की झोपड़ियां, लाइट एंड साउंड-शो का भी प्रबंध किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस राम पथ गमन में भक्‍तों को भगवान का सान्निध्य प्रदान करने के लिए शिवराज सरकार आने वाले समय में भव्‍यता और आनन्‍द से भर देनेवाले भव्‍य दर्शन करवाने जा रही है।

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डॉ. मयंक चतुर्वेदी

डॉ. मयंक चतुर्वेदी (प्रबंध संपादक)
पिछले दो दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के साथ अध्यापन एवं शोध कार्य कर रहे हैं। रामचरित मानस : सामाजिक चेतना और आधुनिकता, न्यूज एजेंसी की पत्रकारिता और हिन्दुस्थान, हिन्दी पत्रकारिता इतिहास और विकास, हिन्दी पत्रकारिता में बातचीत कला जैसी 22 से अधिक पुस्तकों के लेखक और संपादक हैं। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार में एडवाइजरी कमेटी के आप दूसरी बार सदस्य बनाए गए हैं। आपने कई वर्षों तक मध्‍य प्रदेश के 'ब्यूरो प्रमुख' और राज्‍य प्रमुख के रूप में कार्य किया है। आप इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी के पत्रिकाओं के प्रबंध संपादक हैं।