कार्रवाई के लिए दंगल

युगवार्ता    22-May-2023   
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“पूर्वी उत्तर प्रदेश के दबंग राजनीतिक शख्सियत और कई उच्च शिक्षा संस्थानों के मालिक बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। राजनीति और कुश्ती दोनों में माहिर खिलाड़ी बृजभूषण शरण सिंह हर बार सामने आई चुनौती को धोबी पछाड़ दांव से मात दे चुके हैं। लेकिन इस बार रिंग में वह अकेले नहीं हैं बल्कि सामने पदकधारी दर्जनों पहलवान हैं, जिन्हें हार स्वीकार नहीं है। ”
 

protest at janter manter
मैं निर्दोष हूं यदि आरोप सच साबित हुए तो मुझे फांसी चढ़ा देना। ये कहना है महिला पहलवानों के मानसिक और यौन शोषण के आरोपों से घिरे कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का। दूसरी तरफ रिंग में बड़े-बड़े पहलवानों को धूल चटाने वाले पहलवान रो-रो कर अपने लिए कथित न्याय की मांग कर रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख रहे बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों ने कथित यौन शोषण का आरोप लगाया है और उन्हें पद से हटाने की मांग की है। धीरे-धीरे ही सही धरनारत पहलवानों के समर्थन का दायरा बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों ने जंतर-मंतर पर पहुंच कर धरनारत पहलवानों के समर्थन का ऐलान किया। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी वहां पहुंचे और धरना प्रदर्शन को राजधानी दिल्ली से दूसरे राज्यों में भी पहुंचाने का आह्वान किया। ऐसे में उनकी परेशानी अब बढ़ती नजर आ रही है।
इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में 21 अप्रैल को शिकायत दर्ज की गई है। इसमें दिल्ली पुलिस ने धारा 161 के तहत कई महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए हैं, जबकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत 164 (मजिस्ट्रेट के सामने) के बयान दर्ज किए जाने बाकी हैं। प्रदर्शन कर रहीं विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘अगर 21 मई तक कोई प्रस्ताव नहीं आया तो हम एक बड़ा फैसला ले सकते हैं।’ साथ ही उन्होंने बृजभूषण सिंह का नार्को टेस्ट कराने और खुद कोनिर्दोष साबित करने की चुनौती भी दी है।
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फिलहाल बृजभूषण शरण सिंह और महिला पहलवानों के बीच बढ़ते विवाद से भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक नफा-नुकसान का आकलन करने में जुट गई है। यूपी के किसी भी सीट पर किसी के खिलाफ जीत का दावा करने वाले बृजभूषण शरण सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं।
वे अब तक छ: बार (पांच बार भाजपा से और एक बार समाजवादी पार्टी से) लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं। बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, गोंडा अयोध्या, श्रावस्ती और बाराबंकी समेत चार-पांच लोकसभा सीटों पर दबदबा रखते हैं। हार्डकोर हिंदुत्ववादी नेता की छवि और जाति आधारित स्थानीय सहयोग के बल पर उनका अपना एक मजबूत वोट बैंक है।
ऐसे में साल 2024 के लोकसभा चुनाव के चलते भाजपा उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाकर चुनाव में खामियाजा भुगतने के मूड में नहीं है। भाजपा का डर जायज भी है क्योंकि यहां एक नहीं चार-पांच लोकसभा सीटों का प्रश्न है। बहरहाल, इस मामले में सही कौन है और दोषी कौन। ये जांच का विषय है। जांच प्रभावित न हो इसलिए इस्तीफा देने में कोई हर्ज भी नहीं है।
वहीं जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि पहलवानों के आरोपों में कितनी सच्चाई है। कहीं किसी स्वार्थ और दबाव में तो बृजभूषण पर आरोपों की बौछार नहीं हो रही है। वैसे इस तरफ बृजभूषण शरण इशारा कर भी चुके हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में इस सबके पीछे दीपेंद्र सिंह हुड्डा व नवीन जिंदल के अलावा एक बाबा का हाथ होने का आरोप लगा चुके
हैं।
कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। कैसरगंज से वे दूसरी बार सांसद चुने गये हैं। साल 1991 में गोंडा निर्वाचन क्षेत्र से शुरू हुआ उनके जीत का सिलसिला जारी है। 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत कर चौका लगा चुके हैं। यही नहीं उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह भी एक बार सांसद रह चुकी हैं। उनका बेटा प्रतीक भूषण सिंह भी गोंडा की सदर सीट से लगातार 2 बार से विधायक हैं। वहीं दूसरे बेटे करण भूषण सिंह को साल 2018 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। बृजभूषण शरण न केवल राजनीतिक मैदान के पहलवान हैं बल्कि अकूत संपत्ति के मालिक भी हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बृजभूषण सिंह के 50 से अधिक स्कूल-कॉलेज और नर्सिंग विद्यालय चल रहे हैं। गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 40 आरोपियों में उनका नाम भी शामिल था। राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह की तरह उनकी भी गिरफ्तारी हुई थी। साल 2020 में वह इस मामले से बरी कर दिये गए। कभी बृजभूषण पर तीन दर्जन से अधिक केस थे। हालांकि इनमें से अधिकतर में बरी हो चुके हैं।
घटनाक्रम और सांसद से जुड़े तथ्य
•18 जनवरी 2023 को शुरू पहलवानों का धरना 21 जनवरी तक चला।
• खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मीटिंग के बाद एक जांच कमेटी बनाने पर पहलवानों का धरना
समाप्त हुआ।
• जांच कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही 23 अप्रैल को एक बार फिर धरना शुरू।
•बृजभूषण शरण सिंह साल 2011 से ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।
• 2019 में वह तीसरी बार कुश्ती महासंघ के
अध्यक्ष चुने गए।
• उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विश्वोहरपुर में 8 जनवरी, 1957 को उनका जन्म हुआ।
• कॉलेज के दिनों से ही वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
• महंगी गाड़ियों और हथियारों के शौकीन हैं।
•1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। उसके बाद क्रमश: 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में विजयी रहे।
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राम जी तिवारी

राम जी तिवारी (मुख्‍य उप संपादक)
 
अवध विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक। आईआईएमसी से पत्रकारिता में डिप्लोमा, कुरुक्षेत्र विवि से पत्रकारिता में परास्नातक। श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन, डीडी किसान एवं वैश्य भारती पत्रिका सहित कई संस्थानों के संपादकीय विभाग में कार्य किया है। इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी से जुड़े हैं। फिलहाल ‘युगवार्ता’ पाक्षिक के मुख्‍य उप-संपादक हैं।