योग हमारी जात है और आनंद हमारा गोत्र: सोहन सिंह

सुरेन्द्र अग्निहोत्री    20-Jun-2023
Total Views |

Sohan yog Guru 
बुंदेलखंड के पठारों में बेहद कठिन वातावरण के साथ गरीबी और अभावों के बीच भाव से तपकर चीन में अब भारतीय योग का डंका बजा रहे सोहन सिंह अब चीनियों के लिए योग सिखाने वाले सेलिब्रिटी बन चुके हैं। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को हिमालय की यूनाम चोटी पर पहली बार 75 योगासन करके कीर्तिमान स्थापित करने के लिए सोहन हिमाचल प्रदेश से 10 जून को हिमशिखर पर्वत पर चढ़ने की यात्रा आरम्भ कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय ध्वज लहराते हुए सारी दुनिया को योग का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक संदेश देने निकले हैं। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में जन्मे सोहन सिंह से सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश-
  • योग क्या है?
ध्यान, अध्यात्म और दर्शन की अनुपम परपंरा भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है योग। यह मनुष्य की चेतना के विकास का विज्ञान है। यह विज्ञान और अध्यात्म का मेल भी कराता है बस जानने का साहस करना होगा। योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक की यात्रा है।
  • योग में मुद्रा और श्वांस का क्या महत्व है?
योग का महत्वपूर्ण अंग श्वांस है। जब हम आसन करते हैं या अपना संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं तो हम श्वांस पर ही भरोसा करते हैं। योगासनों से अद्भुत ऊर्जा का संचार मात्र 3 दिनों के अभ्यास में होने लगता है। योग आसनों में त्रिकोण, एक योग मुद्रा में कई तत्वों को जोड़ता है। यह धड़ में विस्तार और शरीर में सम (समता) को अवतरित करता है। कर्म के प्रति सम्पूर्ण समर्पण ही योग में कुशलता की कुंजी है।
  • योग गुरू बनने के पीछे का रहस्य क्या है?
मैं जब 23-24 साल पहले नौकरी के लिए विदेश गया तो मेरा आईटी का जॉब था। धीरे-धीरे योग का प्रभाव गहराता गया और 2013 में विश्वविद्यालय में जब मैं प्रोफेसर था उस दौरान भीतर से योग में उतर जाने का मन हुआ। गंतव्य पता नहीं लेकिन विश्वविद्यालय से प्रोफेसर पद से इस्तीफा देकर सोहन इन्टरनेशनल की स्थापना चीन में करने का सकंल्प लिया। तब से सोहन योगा के माध्यम से योग के रंग और आसन चीन ही नहीं अपितु दुनियाभर के लोगों को सिखा रहा हूं।
  • चीन के टीवी शो में आपको बुलाया जाता है?
- चीन के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब किसी योग गुरु ने फिल्मी सितारों को टीवी पर योग सिखाया और वो भी एक भारतीय ने। 70 करोड़ लोगों ने हूनान टी.वी. से जुड़कर योग को देखा है। मैं योग प्रशिक्षण हिन्दी, अंग्रेजी चाईनीज, थाई, रशियन, यूक्रेनियन बेसिक स्पेनिश, उर्दू, भाषा सीख कर उनकी भाषा में भारतीय योग पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं।
 

Sohan yog  
  • चीन के लोगों का योग प्रति कितना सर्मथन है?
चीन के समाज में योग अब सहज स्वीकार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से 21जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में गौरव मिलने के बाद चीन क्या सारी दुनिया में योग का महत्व बढ़ा है। सोहन योगा के चीन के जियामिन, शेनझेंन, गुईयांग, नानछांग, लोंगयेन आदि शहरों में 9 योग सेंटर चल रहे हैं। पिछले चार सालों में चीन के 178 शहरों में योग के कार्यक्रम कर चुका हूं। सोहन योगा का मुख्यालय फुजीयन प्रान्त के जियामिन द्वीप में बनाया गया है, जो दक्षिण चीन में स्थित है।
  • योग दिवस पर आप कोई कीर्तिमान बना रहे हैं?
मैं दुनिया भर की चोटियों पर योग करके योग की वैज्ञानिकता को सामने लाना चाहता हूं। योग मानव शरीर को इस लायक बनाता है कि वो प्रतिकूल वातावरण में भी जीवित रह सकता है। अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को हिमाचल प्रदेश की यूनाम चोटी जो 6,111 मीटर की ऊंचाई पर है वहां 75 योग आसन लगाने का मेरा प्रयास रहेगा। यूनाम पर चढ़ाई अभियान 10 जून से शुरू होकर 21 जून को यूनाम की चोटी पर भारतीय ध्वज फहराऊंगा। इतनी ऊंचाई पर योग करने वाला दुनिया का मैं पहला आदमी रहूंगा।
  • आप योग की ओर कैसे खिंचे चले आये? आपने वैदिक साहित्य का विधिवत अध्धयन किया है?
भारतीय संस्कार और भारतीय संस्कृति की छाप परिवार के माध्यम से मेरे मन पर बहुत गहरी रही है। हम आर्थिक रूप से गरीब थे लेकिन बौद्धिक रूप से नहीं। मां योग किया करती थीं घर में। हमें उन्होंने उस ऊर्जा से बचपन में परिचित कराया। इस उर्जा ने भारतीय सनातन, भारतीय योग को हृदय में सही मायने में उतारा, फिर स्वाध्याय किया चेतना जगी। शास्त्रों व उपनिषदों को पढ़ा, योग शास्त्रों को खोजा और जाना। योग की प्रखर ज्योति की ज्वाला को और कैसे प्रखर किया जा सके इस दिशा में निरंतर प्रयास, साधना, मनन, चिंतन तथा अध्ययन आप एक चित्र में गेरूआ वस्त्रधारी माता के साथ स्नेहिल मुद्रा में हैं। वे कौन हैं? मां भक्ति मार्गी थीं, गंतव्य पता नहीं लेकिन निरंतर प्रभु पद को देख चलते रहना और अलमस्ती में रहना यही वो क्षण जब मैंने ध्यान को घटते देखा। मैं भाग्यशाली हूं कि मां से दीक्षित हुआ और मां के साथ ध्यान सत्संग में उस परम ऊर्जा को जाना। आज मां का शरीर छोड़ परम प्यारे में लीन हो जाना भक्ति का वो पड़ाव है जो हर भक्तिभाव का गंतव्य है।
  • सोहन योगा क्या अन्य योग से थोड़ा अलग है?
चीन में सोहन योगा नाम देने के पीछे यह ध्यान था कि लोगों को योग से कनेक्ट होने में आसानी रहे। वहां योग तो एकदम नया था। योग विज्ञान है। 2017 में पीएम मोदी ब्रिक्स की मीटिंग में मेरे शहर जियामिन में आये थे। उन्हें अपने शहर में देखकर उर्जा का नया आभास हुआ। उसके बाद ब्रिक्स के अलग-अलग फोरम पर योग का प्रतिनिधत्व किया। पीपुल एक्सचेंज फोरम, चाइनीज इण्डिया डायलॉग फोरम। सभी जगह मेरी कोशिश रही है योग के माध्यम से ऐसे प्लेट फार्म तैयार हों कि लोग भारतीय योग संपदा, भारतीय संस्कृति और हमारी जो सॉफ्ट पॉवर है उसे अच्छे से समझ सकें।
  • अपने गृह प्रदेश यूपी के लिए युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं?
मैं उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड की हवा पानी में पला बढ़ा हूं। अपने गृह प्रदेश के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं। यूपी सरकार व आयुष मंत्रालय का सहयोग मिले तो प्रदेश के 75 जिले में अपने यूथ को योग से जोड़ना चाहता हूं। हम सब जानते हैं कि संस्कृत हमारी बोल चाल की भाषा थी लेकिन आज कर्मकांड की भाषा बन कर रह गयी क्योंकि हम उसे यूथ से नही जोड़ पाये। भारतीय योग यूथ के लिए बहुत कारगर है।
Tags