कमर दर्द : मिल सकती है राहत

22 Sep 2023 17:23:37


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मिल सकती है राहत

कमर दर्द किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, परंतु इसकी अनदेखी, इसकी तीव्रता और गंभीरता को बढ़ा सकता है। इसलिए समय रहते जीवनशैली में सुधार करके इसे रोकने की कोशिश की जानी चाहिए।

 

आज कमर दर्द एक बड़ी शारीरिक समस्या का रूप ले चुका है जिससे बुजुर्ग ही नहीं युवा लोग भी पीड़ित हो रहे हैं। इसका कारण अत्यधिक सुविधाजनक जीवन शैली है। अत्यधिक संसाधनों से पूर्ण जीवनशैली, शारीरिक श्रम एवं व्यायाम का अभाव, अनुचित खान-पान, कमजोर पाचन तंत्र आदि कमर दर्द के मुख्य कारण हैं।

कमर दर्द के कारण

 

उपाय

यदि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाया जाए, योगाभ्यास एवं व्यायाम को अपनी जीवनचर्या में शामिल किया जाए, तो कमर दर्द ही नहीं बल्कि अन्य शारीरिक समस्याओं से भी बचाव हो सकता है।

1. सक्रिय दिनचर्या- यदि मांसपेशियों को लचीला और शक्तिशाली बनाना है तथा हड्डियों पर भार को कम करना है, तो शारीरिक सक्रियता को महत्व देना होगा। पैदल चलना, सीढ़ियों का उपयोग आदि शारीरिक श्रम के कार्य को अपनी जीवनचर्या का हिस्सा बनाने से कमर दर्द में लाभ मिल सकता है।

2. उचित आहार- आहार ऐसा होना चाहिए जो पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखें। आहार को प्राकृतिक रूप में लेना उचित है क्योंकि वह जल्दी पच जाता है एवं शरीर का पोषण भी अधिक करता है। अत: फल, सब्जियां व अंकुरित अनाजों को अधिक से अधिक मात्रा में अपने आहार में शामिल करना चाहिए। यदि पाचन प्रणाली ठीक रहेगी एवं पाचन ठीक से होगा तो शरीर में वायु का प्रकोप नहीं होगा जिससे शरीर में वायु के कारण दर्द नहीं बनेगा।

3. पर्याप्त जल- दिनभर में पानी की उचित मात्रा सही विधि से लेनी चाहिए। सामान्यतौर पर 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करें। भोजन के 1 घंटा पहले व 1 घंटा बाद ही पानी का सेवन करें, ऐसा करने से पाचन ठीक रहता है। आहार के ठीक से पचने के कारण हड्डियों एवं पेशियां का पर्याप्त पोषण होता रहता है। यदि हड्डियों को सुरक्षा प्रदान करनी है, तो आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिसे मांसपेशियों को शक्ति प्राप्त हो, जैसे बादाम, मूंगफली, सेब, अनानास, केला, गाजर, टमाटर, मींग आदि। आहार में शक्कर एवं नमक को कम से कम मात्रा में शामिल करना चाहिए। यह शरीर में हड्डियों को कमजोर करते हैं।

4. योगाभ्यास- योग के अभ्यास से कमर दर्द में लाभ मिलता है। परंतु कुशल योग चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही योगाभ्यास करना चाहिए।

 

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