भारत मंडपम में लगाई गई अष्टधातु से बनी 'नटराज' की 22 फीट ऊंची प्रतिमा

युगवार्ता    05-Sep-2023
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नटराज


नई दिल्ली, 5 सितंबर (हि.स.)। भगवान शिव के नटराज रूप की अष्टधातु से बनी 22 फीट ऊंची प्रतिमा जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए बनाए गए भारत मंडपम में लगाई जा चुकी है। नटराज की इस शानदार प्रतिमा के लिए 6 फीट ऊंचा चबूतरा भी बनाया गया है। ऐसे में कुल मिलाकर ऊंचाई 28 फीट हो गई है। ये प्रतिमा तमिलनाडु के स्वामीमलाई जिले के कलाकारों ने बनाई है।

स्वामीमलाई के कलाकार पीढ़ी दर पीढ़ी नटराज और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनाते आ रहे हैं। चोल वंश के शासन काल से स्वामीमलाई जिले में कांसे, तांबे, पीतल, पंचधातु और अष्टधातु से मूर्तियां एवं प्रतिमाएं बनाई जाती आ रही हैं। चोलवंश के काल में यहां की मूर्तिकला अपने चरम पर थी।

कलाकारों के मुताबिक, इस धातु को 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पिघलाया जाता है। प्रतिमा बनाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है। भारत मंडपम के लिए बनाई गई नटराज की प्रतिमा को बहुत सुंदर और आकर्षक बनाया गया है। इसे बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि स्वामीमलाई के मूर्ति निर्माण इतिहास में आज तक इतने विशाल और ऊंचे नटराज नहीं बनाए गए हैं।

दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए बनाए गए भारत मंडपम में स्थापित नटराज मोम, राल, कावेरी नदी की मिट्टी और लोहे की तारों से नटराज बनाए गए हैं। इसमें अष्टधातु का इस्तेमाल किया गया है जिसमें तांबा, जिंक, लेड यानी शीशा, टीन ट्रेस क्वांटिटी, चांदी, पारा ट्रेस क्वांटिटी और लोहे का इस्तेमाल किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / विजयलक्ष्मी/प्रभात

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