नव्य, भव्य, वृहद व सुरम्य अयोध्या

20 Jan 2024 17:18:40
राम नगरी अयोध्या की प्राचीन पहचान के साथ आधुनिक बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने लिया है। इसके लिए सनातन आस्था वाले इस नगर को आठ परिकल्पनाओं के तहत विकसित किया जा रहा है। नव्य, भव्य, वृहद व सुरम्य अयोध्या पर अभी करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ताकि दुनिया भर से आने वाले लोग जब राम नगरी से वापस जाएं तो राममय हो जाएं।

ayodhya
भी पृथ्वी की अमरावती कही जाने वाली और पवित्र सप्तपुरियों में से एक अयोध्या का गुणगान वेद-पुराण समेत तमाम ग्रंथों में है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या की रचना स्वयं देवताओं ने की थी और यहीं से महाराज मनु ने पृथ्वी पर मनुष्यों की दुनिया का सृजन किया था। हालांकि अरब-मुगल आक्रांताओं और ब्रिटिश गुलामी काल खंड के लगभग हजार वर्ष में इस महान नगर की कीर्ति धूमिल पड़ गई, जिसे पुनर्प्रतिष्ठापित करने के लिए मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है।
केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद दोनों सरकारों ने अयोध्या के वृहद् विकास की रूपरेखा बनाकर विकास को गति दी। अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर के रूप में विकसित करने के लिए एक के बाद एक करीब 30,500 करोड़ रुपये की करीब 178 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को पहले दिन से ही अवधपुरी के वैभव को पुनर्प्रतिष्ठापित करने के लिए आठ परिकल्पनाओं के तहत कार्य करने के निर्देश दिए थे। अब वह मूर्तरूप लेने लगा है। ये आठ परिकल्पनाएं भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित साकेतपुरी को सांस्कृतिक अयोध्या, सक्षम अयोध्या, आधुनिक अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, भावात्मक अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या और आयुष्मान अयोध्या हैं।
सांस्कृतिक अयोध्या: इसके तहत अयोध्या को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। राजसी मठों की स्थापना जैसी योजना के आधार पर अयोध्या में मन्दिरों-आश्रमों का निर्माण या जीर्णोद्धार, भव्य नगर द्वारों का निर्माण और मन्दिर संग्रहालय परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही पंचकोसी, 14 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा में पड़ने वाले सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार हो रहा है।

Ram Mandir 
यहां के ऐतिहासिक व पौराणिक मठ-मंदिरों, भवनों को संवारने के लिए इनके प्रवेश द्वारों पर चित्रकारी एवं आधुनिक फसाड लाइटिंग लगाई जायेगी। उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम पहले चरण में 68.80 करोड़ की लागत से 37 धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार कर रहा है। इनके जीर्णोद्धार में प्राचीन समय में प्रयोग किए गए निर्माण सामाग्रियों यथा चूना, सुर्खी आदि का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें साइनेज भी लगाए जा रहे हैं। जिस पर उनके पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्वों को उकेरा जाएगा। पहले चरण में जिन प्रमुख मठ-मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है। उनमें जानकी घाट, बड़ा स्थान, दशरथ भवन मंदिर, मंगल भवन, अक्षरी मंदिर, राम कचेहरी मंदिर, सियाराम किला, दिगम्बर अखाड़ा, तुलसी चौराहा मंदिर, भारत किला मंदिर, हनुमान मंदिर, कालेराम मंदिर, नेपाली मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, विद्या देवी मंदिर, देवीकाली कुण्ड मंदिर, रत्न सिंहासन मंदिर आदि प्रमुख हैं।
सक्षम अयोध्या: इस परिकल्पना के अंतर्गत अयोध्या को पूरी तरह से आत्मनिर्भर नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां होटल, ढाबों, टैक्सी, गाइड, पर्यटन, धर्म और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे रोजगार के दर्जनों साधन सृजित होने वाले हैं। न केवल अयोध्या में बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाखों-लाख की संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार युवाओं को प्रशिक्षित भी कर रही है। ताकि देश -दुनिया से आने वाले राम भक्त एवं श्रद्धालु यहां से अच्छे अनुभव के साथ लौटें।

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आधुनिक अयोध्या: आजादी के 70 साल बाद तक अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने वाली राम नगरी अब प्राचीन पहचान के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त बन रहा है। राम नगरी में स्मार्ट सिटी, सेफ सिटी, सोलर सिटी, ग्रीन फील्ड टाउनशिप जैसी तमाम योजनाएं इसी विचार के साथ आकार ले रही हैं। यहां कलेक्ट्रेट से लेकर अस्पताल तक को सौर ऊर्जा से बिजली देने की तैयारी है। नगर निगम क्षेत्र में सोलर ट्री, ई-रिक्शा, सोलर बोट, वाटर कियोस्क, हाईमास्ट लाइट सहित सभी को सौर ऊर्जा से चलने वाला है। इस साल अब तक सौर ऊर्जा से 982 किलोवाट बिजली का इंतजाम कर लिया गया है। इस पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अयोध्या प्रदेश के पहले सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रहा है। अब तक कलेक्ट्रेट भवन पर 50 किलोवाट, तहसील भवन 20, जिला संयुक्त अस्पताल में 300, विकास भवन में 30, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में 5 तथा अंबेडकर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड भवन में 110 किलोवाट के सोलर लगाए गए हैं।
सुगम्य अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हो, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो या फिर सरयू को अंतर्देशीय जलमार्ग से जोड़ने का काम, योगी सरकार अयोध्या को सुगम बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर लगभग तैयार हो गया है। यह हवाई अड्डा तकरीबन 328 करोड़ रुपये खर्च से बना है। भविष्य में रनवे को 3750 मीटर तक बढ़ाए जाने की योजना है। जिलाधिकारी ने बताया है कि जनवरी में राम भक्तों को अयोध्या से दिल्ली, अहमदाबाद आदि शहरों के लिए हवाई यात्रा की सुविधा मिलने लगेगी।
इसके अलावा, भक्त विभिन्न मार्गों से इस पवित्र शहर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। अयोध्या रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण हो रहा है, जिसमें प्रथम चरण में लगभग 240.89 करोड़ रुपये तो दूसरे चरण में 484 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। अयोध्या आने वाली सभी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। जिसका कुल खर्च लगभग 469.88 करोड़ रुपये आ रहा है। इतना ही नहीं इसके अलावा अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 140 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। वहीं अयोध्या को अन्य धार्मिक स्थलों से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जिसमें अयोध्या रिंग रोड का निर्माण होना है। सड़क का चौड़ीकरण होना है।

bhakti path 
सुरम्य अयोध्या: सुंदर अयोध्या बनाने के लिए विभिन्न तालाबों, झीलों और प्राचीन जलाशयों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। अयोध्या जिला प्रशासन छह सौ एकड़ से अधिक में फैले विशाल जल संसाधनों, झीलों के संरक्षण के लिए एक विशाल पुनरुद्धार योजना तैयार कर रहा है। शुरूआती सर्वे के मुताबिक, अयोध्या में ऐसे करीब दो सौ तालाब हैं। अब इन झीलों को पुनर्स्थापित और संरक्षित करने का काम शुरू किया जा रहा है। अयोध्या बहुमूल्य जल भंडारों का बहुत बड़ा स्रोत है। जलाशयों के अलावा पुराने उद्यानों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। इसके साथ नए उद्यानों का निर्माण भी हो रहा है। यहां तक कि विरासत प्रकाश व्यवस्था से राम नगरी को आकर्षक बनाया जाएगा। बिजली के तारों आदि को भूमिगत किया जा रहा है।
भावनात्मक अयोध्या: सिर्फ देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सनातनी आस्था और भगवान श्रीराम से भावनात्मक संबंध रखने वाले लोग हैं। इस लिहाज से अयोध्या के कण-कण में राम नगरी होने का भाव झलकना चाहिए। इस नगर का श्रीराम से जुड़ाव हर कोने-कतरे से साफ झलके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर की दीवारों, सड़कों के किनारे और चौराहों को सांस्कृतिक रूप से सुसज्जित किया जा रहा है।
धार्मिक नगरी अयोध्या में मन्दिरों-आश्रमों का निर्माण या जीर्णोद्धार, भव्य नगर द्वारों का निर्माण और मन्दिर संग्रहालय जैसी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। पंचकोसी, 14 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा में पड़ने वाले सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार हो रहा है।
 
स्वच्छ अयोध्या: स्मार्ट अयोध्या सिटी के रूप में स्वच्छ अयोध्या नगर बनाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शहर में साफ-सफाई से लेकर ड्रेनेज और सीवर सिस्टम के विकास किये जा रहे हैं। पर्यटन और धार्मिक आस्था के केंद्र के रूप में विकसित हो रही राम नगरी को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने की प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही जता चुके हैं।
आयुष्यमान अयोध्या: रोगियों को गुणवत्तापूर्ण व सुविधा आधारित चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए अयोध्या के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को पहले से काफी मजबूत किया गया है। राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज देश के पांच प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में से एक है। यहां आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा पर बड़े स्तर पर शोध कार्य भी हो रहा है। रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार का लक्ष्य अयोध्या को आयुष्यमान नगरी के रूप में भी विकसित करना है।
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