सशक्त नारी सशक्त उत्तराखंड

20 Jan 2024 15:34:23
उत्तराखंड की महिलाएं राष्ट्र-निर्माण में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अहम भूमिका निभा रही हैं। अलग उत्तराखंड राज्य बनाने में इनका विशेष योगदान रहा है। प्रदेश की इस मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए धामी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है।

नारी शक्ति
हिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड में धामी सरकार की ओर से किए जा रहे हैं। प्रदेश की महिलाएं सशक्त हों इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश का महिला सशक्तिकरण विभाग कई योजनाएं चला रहा है। उल्लेखनीय है कि अलग उत्तराखंड राज्य के निर्माण में यहां की महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। उत्तराखंड की महिलाएं राष्ट्र-निर्माण में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अहम भूमिका निभा रही हैं।
प्रदेश की मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास हो रहे हैं। महिला स्वयं समूहों के माध्यम से नारी शक्ति जो उत्पाद तैयार कर रही है, वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों को भी फेल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति का योगदान अमूल्य है। वे कहते हैं, 'प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के लिए देशभर में काम हो रहा है। उनके आशीर्वाद से प्रदेश की नारी शक्ति को भी और सशक्त किया जा रहा है। इसके लिए सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी, लखपति दीदी, मुख्यमंत्री आंचल अमृत, मुख्यमंत्री स्वरोजगार, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी, नंदा गौरा मातृ वंदना और महिला पोषण अभियान जैसी अनेकों योजनाएं प्रदेश में शुरू की गई हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री एवं सहायिकाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। हाल ही में 167 आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को सुपरवाइजर पद के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। प्रदेश सरकार प्रत्येक महीने लगभग 24 करोड़ रुपए मानदेय के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को भुगतान करती है। उत्तराखंड में 3940 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए केंद्र की स्वीकृति मिल गई है। महिलाओं की सुविधाओं के लिए नंदा गौरी योजना एवं मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का आॅनलाइन पोर्टल प्रारंभ किया गया है।
प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बालिकाओं के जन्म पर 12 हजार रुपए और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार की धनराशि दी जाती है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अब लोगों को आॅफिस का चक्कर नहीं काटना पड़ता है बल्कि आॅनलाइन आवेदन कर सुविधा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में 23,895 महिलाओं को 9.35 करोड़ की धनराशि उनके बैंक खातों में जारी की गई है।

धामी और महिलाएं  
लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह को 5 लाख रुपए तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का धामी सरकार ने लक्ष्य रखा है। वर्तमान में लगभग 40 हजार से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए प्रदेश सरकार ने एक विशेष कोष का गठन किया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं सभ्यता और संस्कृति को जीवंत बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है।
प्रदेश की धामी सरकार ने 13 निर्भया हॉस्टल की स्वीकृति दी है। कार्यशील महिलाओं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं के लिए यह निर्भया हॉस्टल बनाए जा रहे हैं। राज्य की स्त्री शक्ति को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। प्रत्येक वर्ष बेहतर प्रदर्शन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री को भी सम्मानित किया जाता है। साथ ही इन पुरुस्कारों की राशि भी प्रदेश सरकार ने बढ़ाया है। तीलू रौतेली पुरस्कार की राशि 31 हजार से बढ़ाकर 51 हजार और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री पुरस्कार की राशि को 21 हजार से बढ़ाकर इसे भी 51 हजार किया गया है।
आंगनबाड़ी महिलाओं का मानदेय भी प्रदेश सरकार ने बढ़ाया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को जहां पहले 7500 मानदेय मिलता था। उसे बढ़ाकर अब 9300 कर दिया गया है। मिनी आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में भी प्रदेश सरकार ने वृद्धि की है। इसे 4500 से बढ़ाकर 6250 और सहायिकाओं का मानदेय 3550 से बढ़ाकर 5250 कर दिया गया है। महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य कहती हैं कि किसी समाज या राज्य की रीढ़, उसकी मातृ शक्ति होती है। यदि मातृ शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है।
- 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का धामी सरकार ने लक्ष्य रखा है। अभी 40 हजार से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।
- लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह को 5 लाख रुपए तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
- कामकाजी महिलाओं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं के लिए 13 निर्भया हॉस्टल बनाए जा रहे हैं।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, मिनी आंगनबाड़ी बहनों एवं सहायिकाओं का मानदेय क्रमश: 9300, 6250 और 5250 रुपया हुआ।
- आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी महिलाओं एवं सहायिकाओं का मानदेय प्रदेश सरकार ने बढ़ाया।
 
प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को कम करने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। ऐसी घटनाओं की जानकारी देकर रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में अब सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से ऐसे व्यक्ति या समूह को विशेष अवसरों पर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा समाज की कुरीति, बाल विवाह की पूर्वसूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। ताकि प्रदेश की मातृ शक्ति का शोषण न हो सके।
 
Powered By Sangraha 9.0