आभासी कौतुक का सृजन

शिवेन्द्र राणा    24-Feb-2024
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‘कौतुक ऐप’ के लेखक वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यनाथ सिंह द्वारा लिखित-अनुदित कई ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं। पत्रकारिता में लगभग तीन दशकों का अनुभव रखने वाले सूर्यनाथ सिंह संप्रति बाल साहित्य के चर्चित एवं प्रशंसित लेखक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। लेखक सूर्यनाथ आलोच्य उपन्यास ‘कौतुक ऐप’ द्वारा आधुनिक तकनीक का आभासी संसार रचते हैं। वे मानव जीवन में नवीन एवं अधिक उन्नत तकनीकी के प्रवेश का संदेश देते हैं और भविष्य के वैज्ञानिक उपलब्धियों की आकांक्षा पैदा करते हैं।
कौतुक एप
पुस्तक : कौतुक ऐप
लेखक : सूर्यनाथ सिंह
प्रकाशक : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत
मुद्रण : 2021 में प्रकाशित तथा 2023 में पुर्नमुद्रित
मूल्य : 115 रुपये
 
साहित्य अपने श्रेष्ठतम स्वरुप में यथार्थ से उपजता है। परन्तु इस यथार्थ का परिष्करण कृतिकार की कल्पनाशीलता से ही संभव है। कल्पना की तीव्र मेधा यदि प्रकृति से एकाकार हो तो असंभव के संभव और अप्राप्य की प्राप्त सहज हो जाती है। हिंदी में विज्ञान आधारित गल्प कथाओं एवं उपन्यासों के कृतिकार सूर्यनाथ सिंह द्वारा लिखित उपन्यास 'कौतुक ऐप' इसी सर्जनात्मक परंपरा का पथिक बना है। सर्जनात्मक चेतना ब्रह्माण्ड में सदैव मौजूद होती है और समय के साथ अपने प्रकटीकरण का मार्ग तलाश लेती है। प्रतीत होता है इस पुस्तक का लेखन उसी ब्रह्माण्डीय मेधा से प्रेरित है क्योंकि रचनाशीलता वैसे भी नैसर्गिक गुण होता है। स्वयं सूर्यनाथ जी 'कौतुक ऐप' में लिखते हैं, 'चेतना समाप्त नहीं होती, वह तरंग रूप में ब्रह्माण्ड में मौजूद रहती है, उसी को आध्यात्मिक लोग आत्मा कहते हैं। हम उसे कॉस्मिक इंटेलिजेंस यानी ब्रह्मांडीय मेधा कह सकते हैं।'
‘कौतुक ऐप’ के लेखक वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यनाथ सिंह द्वारा लिखित-अनुदित कई ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं। पत्रकारिता में लगभग तीन दशकों का अनुभव रखने वाले सूर्यनाथ सिंह संप्रति बाल साहित्य के चर्चित एवं प्रशंसित लेखक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। लेखक सूर्यनाथ आलोच्य उपन्यास ‘कौतुक ऐप’ द्वारा आधुनिक तकनीक का आभासी संसार रचते हैं। वे मानव जीवन में नवीन एवं अधिक उन्नत तकनीकी के प्रवेश का संदेश देते हैं और भविष्य के वैज्ञानिक उपलब्धियों की आकांक्षा पैदा करते हैं। कौतुक ऐप उस रिक्ति को भर रही है, जो संचार माध्यमों की अतिशयता ने बाल-किशोर वर्ग को लक्षित साहित्य के प्रति उक्त वर्ग की अरुचि से पैदा हुई है।
सबसे उल्लेखनीय है उपन्यास का केन्द्र बिन्दु ‘कौतुक ऐप’ जो कि एक एजुकेशनल ऐप है तथा जिसे भविष्य में इतिहास, पुलिस, विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र की उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस ऐप द्वारा किसी भी ऐतिहासिक व्यक्तित्व को किसी जीवित व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। आलोच्य उपन्यास का पूरा परिसर मनोरंजक तरीके से इसी पर आधारित है। भविष्य में विज्ञान के उम्दा अविष्कार की कल्पना के साथ लेखक ने वर्तमान युगीन सामाजिक-राजनीतिक जीवन एक अच्छा ताना-बाना रचा है। यह समाज के यथार्थ के साथ ही सत्ता प्रतिष्ठान के यथार्थ को बहुत आसानी से चित्रित करती है।
लेखक विज्ञान फंतासी के बीच सहज हास्य पैदा कर रहें हैं। माउन्टबेटन एवं अकबर के मध्य संवाद एवं जयंत द्वारा ऐप के गलत इस्तेमाल के पश्चात उभरी आपाधापी पर न्यूज चैनल के ऐंकर द्वारा प्रेत बाधा एवं तांत्रिक की बयानबाजी व्यंग्य एवं हास्य का सहज समन्वय है। कुछ वार्तालाप बच्चों के लिए ऐतिहासिक-सामाजिक विमर्श पैदा करते हैं, जैसे चाणक्य एवं एकलव्य के मध्य का संवाद। इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप, गांधी, चेग्वेरा, हिटलर, सरोजिनी नायडू आदि ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की चर्चा द्वारा लेखक लक्षित बाल वर्ग के पाठकों के अंदर सहज जिज्ञासा पैदा करते हैं।
रही बात भाषा की तो यह मिलावटी है जिसमें आम बोलचाल के हिंदी, उर्दू शब्दों का प्रयोग है। आंग्ल भाषा का प्रयोग यहां धड़ल्ले से किया गया है। जिसे वर्तमान सामाजिक परिवेश में बाल सुलभ बनाने का प्रयास माना जाना चाहिए। सूर्यनाथ जी कि किस्सागोई विष्णु शर्मा और उनके पंचतंत्र की याद दिला देती है। जब एक राजा को पुत्रों को शिक्षित करने के लिए विष्णु शर्मा ने जिन कहानियों का आलम्बन लिया, वे ही पंचतंत्र के कथानक का आधार बनी।
आप कौतुक ऐप में साहित्य के माध्यम से शिक्षण की ‘पंचतंत्र मार्का’ ज्ञान तथा वेल्स की परंपरा के वैज्ञानिक भविष्यवाणी को आसानी से तलाश सकते हैं। उक्त उपन्यास बाल वर्ग एवं किशोरों के अतिरिक्त साहित्यिक रूचि से अनुप्राणित सभी वर्गों के लिए भी अनुशंसित है। अपने सर्जनात्मक अवदान द्वारा बाल साहित्य को समृद्ध बनाने के लिए सूर्यनाथ जी साधुवाद के पात्र हैं।
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