इतिहास के पन्नों में 29 मार्चः दुनिया में अनूठी है चीन की टेराकोटा आर्मी

युगवार्ता    28-Mar-2024
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2015 में शांक्सी जाकर टेराकोटा आर्मी को देखा था।


देश-दुनिया के इतिहास में 29 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का चीन की टेराकोटा आर्मी से भी है। चीन में शांक्सी प्रांत की राजधानी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अपने शहर शियान में पकी मिट्टी यानी टेराकोटा से बने 8,000 सैनिक आज भी अपने राजा की कब्र की सुरक्षा कर रहे हैं। पढ़ने में थोड़ा अजीब लगेगा, पर यह सच है। इसे पूरी दुनिया में टेराकोटा आर्मी के नाम से जाना जाता है। शांक्सी जाने वालों के लिए यह एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।

बात 1974 की है, जब 29 मार्च को शांक्सी के किसान कुआं खोद रहे थे। तभी उन्हें इस आर्मी के बारे में पता चला। इसके बाद डेढ़ किलीमीटर के दायरे में खुदाई करवाई गई। तब एक फुटबॉल के ग्राउंड के बराबर के हॉल में 11 कतारों में खड़े 8,000 सैनिक जमीन से बाहर निकले। इन सैनिकों की कई खासियतें हैं। हर सैनिक की ऊंचाई अलग-अलग है। उन्हें अलग-अलग भूमिका दी गई है और यह उनके चेहरे और पहनावे से भी साफ दिखता है।

जिस तरह मिस्र में शासक की मौत होने पर पिरामिड बनाए जाते थे, उसी तरह चीन में शासक की कब्र की रक्षा के लिए सैनिक तैनात किए जाते थे। 210-209 ईसा पूर्व में चीन के राजा किन शी हुआंग की मौत के बाद पकी मिट्टी से यह सैनिक बनाए गए थे। उद्देश्य था कि ये सैनिक मौत के बाद भी राजा की सुरक्षा करेंगे। इस सेना के आदमकद पुतलों के सिर, हाथ-पैर और धड़ अलग-अलग बनाए गए और फिर उन्हें जोड़ा गया। जोड़ने से पहले आग में तपाते थे। यह पुतले इतने सजीव हैं कि देखने पर लगेगा कि अभी जी उठेंगे।

कब्र के सामने एक हॉल था, जिसमें यह सैनिक खड़े थे। सैनिकों के साथ उनके घोड़े, दफ्तर और अन्य लोगों के रहने के घर भी थे। सेना का साजो-सामान तांबे, टिन और अलग-अलग धातुओं का है। यह भी बताया जाता है कि इन सैनिकों के कई मूल हथियारों को उनके बनाने के कुछ ही दिन बाद लूट लिया गया था।

23 फुट गहरे चार गड्ढों में यह सेना खड़ी है। 230 मीटर लंबे और करीब 62 मीटर चौड़े पहले गड्ढे में 6000 पुतले हैं। 11 गलियारे हैं जो 3-3 मीटर चौड़े हैं। लकड़ी से बनी इनकी छत को बारिश से बचाने के लिए मिट्टी की परतों को विशेष उपाय के साथ चढ़ाया गया है। अन्य गड्ढों में घुड़सवार और युद्ध में काम आने वाली गाड़ियां हैं।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1798: स्विटजरलैंड गणराज्य बना।

1857ः सिपाही मंगल पांडे (34 वीं रेजीमेंट) भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बंगाल नेटिव इन्फैंट्री विद्रोह के सिपाही स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानी के रूप उभरे।

1901ः ऑस्ट्रेलिया में पहली बार फेडरल इलेक्शन हुए।

1943ः स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मण नायक को बरहामपुर जेल में फांसी पर लटकाया गया।

1953ः हिलैरी और तेनजिंग नोर्गे ने विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की।

1967ः फ्रांस ने पहली बार अपनी परमाणु पनडुब्बी की शुरुआत की।

1981ः पहली लंदन मैराथन नार्वेजियन इजेज सिमंसेंन ने जीती।

1982ः एन.टी. रामाराव ने तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की।

1999ः अमेरिकी शेयर इंडेक्स डाउ जोंस पहली बार 10000 अंक के पार गया।

1999ः पराग्वे के राष्ट्रपति रॉल क्यूबास का इस्तीफा।

2001ः संयुक्त राज्य अमेरिका का ग्लोबल वार्मिंग पर क्योटो संधि को मानने से इनकार।

2003ः तुर्किये एयरलाइंस विमान के अपहर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया।

2004ः आयरलैंड कार्यस्थलों पर ध्रूम्रपान प्रतिबंधित करने वाला पहला देश बना।

2008ः उज्जैन के संस्कृत विद्वान् प्रो. श्रीनिवास रथ को उत्तर प्रदेश संस्कृति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा।

2008ः दुनिया के 370 शहरों ने पहली बार ऊर्जा बचत के लिए अर्थ ऑवर मनाने की शुरुआत की।

2008ः साल 1971 बैच की आईएएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव ने राज्य सरकार की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली।

2008ः इराक में अमेरिकी बमबारी। विस्फोट में 48 लोगों की मृत्यु।

2010ः मॉस्को में मेट्रो टेन में दो आत्मघाती हमले। 40 लोगों की जान गई।

2011ः भारत और पाकिस्तान के बीच टेरर हॉटलाइन बनी। 2008 के मुंबई हमलों के बाद विश्वास बहाली के उपायों के तौर पर इस कदम को देखा गया।

जन्म

1913ः हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और गांधीवादी विचारक भवानी प्रसाद मिश्र।

1928ः दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल रोमेश भंडारी।

1929ः फिल्म अभिनेता उत्पल दत्त।

1943ः ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री जॉन मेजर।

1998ः भारतीय प्रोफेशनल गोल्फर अदिति अशोक।

निधन

1963ः हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार सिया राम शरण गुप्त।

2020ः धारावाहिक 'रामायण' में सुग्रीव की भूमिका निभाने वाले कलाकार श्याम सुंदर कलानी।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद

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