उत्तराखंड में अग्नि का तांडव, कहीं राख है तो कहीं धुआं-धुआं, बेकाबू आग बुझाने में जुटी वायु सेना

युगवार्ता    27-Apr-2024
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उत्तराखंड में अग्नि का तांडव, कहीं राख है तो कहीं धुआं-धुआं 


- धरी रह गई वन विभाग की जंगलों को आग से बचाने की तैयारी, धधकते रहे जंगल और पहाड़

देहरादून, 27 अप्रैल (हि.स.)। गर्मी शुरू होते ही उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे हैं। उत्तराखंड के जंगलों में फैली आग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक लगभग 689.89 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हो चुका है। वन विभाग व दमकल के प्रयास के बाद भी जंगल की बेकाबू आग पर काबू पाने के लिए अब वायु सेना को लगाया गया है।

कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक आग ही आग है। आग से पहाड़ धुआं-धुआं हो रहे हैं। तेज हवाओं के कारण आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। जंगलों को आग से बचाने की तैयारी में जुटे वन विभाग की तैयारियां धरी की धरी रह गई है।

पिछले 24 घंटों में गढ़वाल मंडल में कोई भी घटना नहीं हुआ है। जबकि कुमाऊं में वनाग्नि की 26 तो वन्यजीव में पांच घटनाएं हुई हैं और 33.34 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। आगजनी में 39 हजार 440 रुपये की आर्थिक क्षति के साथ दो लोग घायल हो गए हैं।

कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक आग ही आग-

अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एक नवंबर 2023 से अब तक जंगल में आग की 575 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन प्रभावित हो चुके हैं। गढ़वाल में 211 व कुमाऊं में 313 तो वन्यजीव में 51 घटनाएं अब तक हुई हैं। वनाग्नि से अब तक 1441771 रुपये की आर्थिक क्षति हुई है। वन सिपाही समेत दो लोग घायल भी हुए हैं। वन विभाग का कहना है कि जंगल की आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

कई जगह जलकर राख हो चुके हैं जंगल-

दरअसल, इस साल बारिश और बर्फबारी न होने गर्मी अधिक होने लगी है। बढ़ते तापमान के बीच जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। खड़ी पहाड़ियों में आग लगने के चलते वन विभाग व दमकल विभाग की टीम कई स्थानों पर आग पर काबू नहीं पा सकी। इसके चलते जंगल जलकर राख हो चुके हैं।

हेलीकॉप्टर की मदद से आग पर बरसाया जा रहा पानी, नैनीताल झील में नौकायन बंद-

नैनीताल के आसपास के जंगल के क्षेत्र में लगी आग पर अब हेलीकॉप्टर की मदद से पानी डाला जा रहा है। नैनीझील और भीमताल की झील से पानी निकालकर वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से आग पर पानी बरसाया जा रहा है। इसके चलते झील में नौकायन भी बंद है। विविध माध्यमों से सामंजस्य बनाकर वनाग्नि पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सांसों पर भी संकट-

नैनीताल में लड़ियाकांठा के जंगल में लगी आग की वजह से भवाली जाने वाली सड़क पर धुआं छाया है। इस धुएं से सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धुएं की वजह से लोगों का दम घुट रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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