रायपुर/दंतेवाड़ा, 29 अप्रैल (हि.स.)। नक्सलवाद के खिलाफ छेड़े गए अभियान लोन वर्राटू (घर वापस आइए) के तहत सरकार और शासन को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार को 23 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा से खुद को जोड़ते हुए आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय थे। ये माओवादी बंद के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटना एवं नक्सली बैनर-पोस्टर लगाने की घटनाओं में शामिल रहे हैं।
दंतेवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला ने सोमवार को बताया कि वरिष्ठ अफसरों के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान को लगातार बड़ी सफलता मिल रही है। बीते कुछ महीनों में बड़ी संख्या में नक्सली हथियार छोड़ समाज की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। आज भी 23 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। नक्सलियों से भी हमारी अपील है कि वो हिंसा का रास्ता छोड़ आम जीवन में लौटें। जिन 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, उसमें 20 माओवादियों ने डीआरजी के सामने हथियार डाले, जबकि 3 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के सामने सरेंडर किया। इन नक्सलियों में वैसे नक्सली शामिल हैं जो जंगल में पेड़ काटकर रास्ता बंद करते थे। जंगल में जवानों को निशाना बनाने के लिए बम प्लांट करते थे।
आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई। सरकार सरेंडर करने वाले नक्सलियों को तमाम वो सुविधाए देगी जिसके वो हकदार हैं।
उल्लेखनीय है कि बस्तर में लोन वर्राटू और पूना नर्कोम योजना अभियान के तहत 177 इनामी नक्सली सहित 761 माओवादी हथियार छोड़ आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा/आकाश