कांग्रेस के वादे बनाम मोदी की गारंटी

युगवार्ता    04-May-2024   
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भाजपा ने अपने संकल्‍प पत्र में अपनी कई पुरानी योजनाओं को जारी रखने और उनका दायरा बढ़ाने सहित कई बड़ी गारंटी दी है। वहीं भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस ने अपने 'न्याय पत्र' में सामाजिक न्याय के साथ युवाओं, महिलाओं और किसानों, श्रमिकों को केन्द्र में रखकर कई बड़े वादे किए हैं। अब देखना यह है कि भारत के लोग मोदी की गारंटी पर यकीन करते हैं या कांग्रेस के वादे पर।

BJP Manifesto 
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दलों ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। चुनाव घोषणा पत्र किसी भी राजनीतिक दल के विचार, कार्यों और आगामी योजनााओं का लिखित एजेंडा होता है। इससे पता चलता है कि अगर कोई दल सरकार बनाने में सफल होती है तो वह अपने इसी लिखित एजेंडे पर कार्य करती है। कई बार गठबंधन की सरकार होने पर राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र को अक्षरश: लागू नहीं कर पाती, क्‍योंकि गठबंधन के दूसरे दल इस पर सहमत नहीं होते। ऐसे गठबंधन की सरकारें कॉमन मिनिमम एजेंडा के तहत कार्य करते हैं। ऐसे में आम मतदाता अपने को ठगा हुआ महसूस करता है। क्‍योंकि उन्‍होंने जिस दल को अपना वोट दिया है वे गठबंधन अगर कमजोर पड़ते हैं तो उनका एजेंडा कॉमन मिनिमम एजेंडा में शामिल नहीं हो पाता। ऐसे में आम मतदाता भी समझदारी से काम करते हैं। इस चुनाव में एनडीए और आईएनडीआईए नामक दो गठबंधन आमने-सामने हैं। इन दोनों गठबंधन में एनडीए का नेतृत्‍व भारतीय जनता पार्टी और आईएनडीआईए का नेतृत्‍व कांग्रेस पार्टी कर रही है। अगर कॉमन मिनिमम एजेंडा भी बनता है तो एनडीए में भाजपा और आईएनडीआईए में कांग्रेस पार्टी का दबदबा कायम रहेगा। इसलिए मैं यहां दोनों गठबंधन के नेतृत्‍व करने वाले दलों के चुनावी घोषणा पत्रों का ही विश्‍लेषण कर रहा हूं।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र 14 अप्रैल को जारी किया है। इसे भाजपा ने 'संकल्प पत्र' का नाम दिया है। भाजपा ने अपने संकल्‍प को 76 पेजों में लिपिबद्ध किया है और भाजपा के इस संकल्‍प को ही मोदी की गारंटी कहा है। और 'फिर एक बार मोदी सरकार' का नारा दिया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पार्टी के कई बड़े मंत्री और नेता मौजूद थे। भाजपा मुख्‍यालय में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, अठ अर्थात गरीब, युवा, अन्‍नदाता और नारी शक्ति को लेकर आगे बढ़ रही है और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्‍प ले रही है। संकल्‍प पत्र विमोचन के बाद प्रधानमंत्री ने इन चारों वर्गों से एक-एक व्‍यक्ति को भाजपा का यह संकल्‍प पत्र सौंपा। उन्‍होंने कहा कि एक व्‍यक्ति जो आज भरोसे का पर्याय बन चुका है। क्‍योंकि मोदी की गारंटी ही गारंटी पूरी होने की गारंटी है। आने वाले पांच साल भी सेवा, सुशासन और गरीब कल्‍याण के होंगे, ये है मोदी की गारंटी।
इस अवसर पर भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड़डा ने कहा कि हम डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे। हमारा घोषणा पत्र दर्शाता है कि भाजपा के संस्‍थापकों ने देश के लिए क्‍या कल्‍पना की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी की समझ के लिए उस दृष्टिकोण को सरल बनाया है और इसे सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास कहा है।
वहीं संकल्‍प पत्र समिति के अध्‍यक्ष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो हम कहते हैं वो हम करते हैं। ये बात भाजपा के लोग ही नहीं भारत के लोग भी ये बात मानने लगे हैं। भाजपा का यह संकल्‍प पत्र हमने बहुत गहन शोध और सुझावों पर अमल करने के बाद तैयार किया है। मोदी की गारंटी 24 कैरेट सोने जैसी खरी है।

Congress Manifesto 
इससे पहले भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस ने भी पांच अप्रैल को अपना घोषणा पत्र जारी किया था। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'न्याय पत्र 2024' के नाम से जारी किया है। कांग्रेस ने 48 पेजों में न्‍याय पत्र को लिपिबद्ध किया है। साथ ही 'हाथ बदलेगा हालात' का नारा दिया है। इस अवसर पर भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी. चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल सहित कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस मुख्‍यालय में पूर्व वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र का व्‍यापक विषय 'न्‍याय' है। पिछले 10 वर्षों में, विशेषकर पिछले पांच वर्षों में, न्‍याय के हर पहलू को खतरे में डाला गया है, देश को कमजोर किया गया है। कांग्रेस ने अपने न्‍याय पत्र में दस न्‍याय का वादा किया है। इसमें हिस्‍सेदारी न्‍याय, युवा न्‍याय, नारी न्‍याय, किसान न्‍याय, श्रमिक न्‍याय, संविधानिक न्‍याय, आर्थिक न्‍याय, राज्‍य न्‍याय, रक्षा न्‍याय और पर्यावरण न्‍याय शामिल है।
इस बाबत कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना था कि घोषणा पत्र में जो भी वादा किया गया है उसे सख्‍ती से लागू किया जाएगा। घोषणा पत्र में वादे करने से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए गहन विचार-विमर्श किया गया है कि ये वादे लागू किए जा सकें।

कांग्रेस के वादे 
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पिछले दस साल के सुशासन और विकास का अनूठा मॉडल प्रस्‍तुत किया है। यह विकास सर्वस्‍पर्शी-समावेशी है। 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए भाजपा कृत संकल्पित है। इसलिए भाजपा ने अपनी कई पुरानी योजनाओं को जारी रखने और उनका दायरा बढ़ाने सहित कई बड़े वादे किये हैं। वहीं भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस ने अपने 'न्याय पत्र' में सामाजिक न्याय के साथ युवाओं, महिलाओं और किसानों, श्रमिकों को केन्द्र में रखकर कई बड़े वादे किए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों के घोषणा पत्र में तुलनात्मक रूप से क्या है खास वादें।

एच डी देवेगौड़ा  
बहरहाल, भाजपा के संकल्‍प पत्र और कांग्रेस के न्‍याय पत्र का तुलनात्‍मक विश्‍लेषण करें तो पाएंगे कि भाजपा का संकल्‍प पत्र यथार्थ के धरातल पर है, वहीं कांग्रेस का न्‍याय पत्र हवा-हवाई ही लगता है। कांग्रेस पार्टी ने 30 लाख नौकरियां देने का वायदा किया है। जबकि आंकड़ों की बात करें तो केंद्र सरकार के अधीन 9.64 लाख नौकरियां ही खाली हैं। ऐसे कांग्रेस 30 लाख नौकरियां कहां से देगी। इसी तरह की कई आर्थिक योजनाएं ऐसी हैं जिनका ठीक-ठीक आकलन नहीं किया गया है, बल्कि चुनाव में फायदे के लिए सभी वर्गों के लिए लोकलुभावन वायदे किये गए हैं। शायद इसीलिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कांग्रेस के न्‍याय पत्र का उपहास उड़ाते हुए कहा कि 'केवल वही पार्टी इतने सारे वादे कर सकती है, जिसे यह भलीभांति पता होता है कि वह कभी सत्‍ता में नहीं आएगी।'

भाजपा की गारंटी  
कहने की आवश्‍यकता नहीं कि भाजपा ने अपने संकल्‍प पत्र में गरीब, युवा, किसान, महिलाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों पर अपना ध्‍यान केंद्रित रखा है। संकल्प पत्र जारी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने नई सरकार के लिए 100 दिन का एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है। अब देखना यह है कि भारत के लोग भाजपा के दस साल के शासन के बाद भाजपा के संकल्‍प पत्र पर मोदी की गारंटी पर भरोसा करते हैं या भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के लोकलुभावन वादे पर। अब निर्णय भारत की जनता को करना है। 55 साल के कांग्रेस राज के बाद जनता दस साल के बाद फिर एक बार मोदी सरकार को चुनती है या फिर से कांग्रेस का दामन थामती है। इसका फैसला सात चरणों के चुनाव के बाद भारत की जनता करेगी। ब‍हर‍हाल इसका पता तो 4 जून को ही चलेगा कि भारत की जनता ने किसे पांच साल के लिए दिल्‍ली का तख्‍तोताज सौंपा है।
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संजीव कुमार

संजीव कुमार (संपादक)
आप प्रिंट मीडिया में पिछले दो दशक से सक्रिय हैं। आपने हिंदी-साहित्य और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। आप विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुडे रहे हैं। राजनीति और समसामयिक मुद्दों के अलावा खोजी रिपोर्ट, आरटीआई, चुनाव सुधार से जुड़ी रिपोर्ट और फीचर लिखना आपको पसंद है। आपने राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा की पुस्तक ‘बेलाग-लपेट’, ‘समय का सच’, 'बात बोलेगी हम नहीं' और 'मोदी-शाह : मंजिल और राह' का संपादन भी किया है। आपने ‘अखबार नहीं आंदोलन’ कहे जाने वाले 'प्रभात खबर' से अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत की। उसके बाद 'प्रथम प्रवक्ता' पाक्षिक पत्रिका में संवाददाता, विशेष संवाददाता और मुख्य सहायक संपादक सह विशेष संवाददाता के रूप में कार्य किया। फिर 'यथावत' पत्रिका में समन्वय संपादक के रूप में कार्य किया। उसके बाद ‘युगवार्ता’ साप्तहिक और यथावत पाक्षिक के संपादक रहे। इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ पाक्षिक पत्रिका के संपादक हैं।