कनाडाई समकक्ष से बोले जयशंकर, ‘पूरक अर्थव्यवस्था और विविधता संबंधों का आधार’

13 Oct 2025 14:56:01

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को अपनी कनाडाई समकक्ष अनीता आनंद के साथ द्विक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात में सकारात्मक सोच से आगे बढने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी सहयोग को दोबारा पटरी पर लाने के लिए काम करने और दोनों प्रधानमंत्रियों की अपेक्षाओं को पूरा करने की है।

उन्होंने कहा, “जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हम एक पूरक अर्थव्यवस्था देखते हैं, हम एक और खुला समाज देखते हैं, हम विविधता और बहुलवाद देखते हैं और हमारा मानना है कि यही एक घनिष्ठ, स्थायी और दीर्घकालिक सहयोग ढांचे का आधार है।”

विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने आज दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मेहमान नेता के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। वार्ता की शुरुआत में जयशंकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज की हमारी बैठक के लिए दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, असैन्य परमाणु सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है।

विदेश मंत्री ने इस बात पर हर्ष जाहिर किया कि दोनों उच्चायुक्तों ने अपनी-अपनी राजधानियों में अपनी ज़िम्मेदारियां संभाल ली हैं और आज की बैठक का हिस्सा हैं। ये हमारे उच्चायुक्त हैं जिनसे आपने बात की है।

जयशंकर ने भारत और कनाडा की विश्व मामलों में सक्रिय रहने की एक लंबी परंपरा को याद किया और कहा कि विदेश मंत्री अनीता आनंद की यात्रा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा करने और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति हुई है। हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक तंत्रों को फिर से तैयार और सक्रिय करने के लिए काम कर रहे हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कनानसकीस में प्रधानमंत्री कार्नी के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा, “भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है।”

मेहमान नेता ने आज प्रधानमंत्री मोदी से व्यक्तिगत मुलाकात की। इस मुलाकात का उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने 18 सितंबर को दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात को महत्वपूर्ण बताया। इसके अलावा अन्य बैठकों का भी उल्लेख किया।

वहीं कनाडा की विदेश मंत्री ने अपने शुरुआती वक्तव्य में दोबारा रिश्तों को पटरी पर लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें संबंधों को और आगे बढ़ाने पर सहमत हैं। हम सामूहिक रूप से इस संबंध को वर्तमान और दीर्घकालिक रूप से, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारी पारस्परिक प्राथमिकताओं के संदर्भ में, आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने इस संदर्भ में भारत-कनाडा संयुक्त वक्तव्य का उल्लेख किया और कहा कि इसमें कई पहलुओं को समाहित किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण खनिजों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत-कनाडा संबंधों को और मज़बूत करेगा।

मेहमान नेता ने कहा कि कुछ हफ़्ते पहले यहां सुरक्षा और क़ानून प्रवर्तन से संबंधित हमारे अधिकारियों की बैठक काफ़ी फलदायी रही और यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी। हमारी दोनों सरकारें इन संवादों के महत्व पर सहमत हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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