नवसारी, 13 अक्टूबर (हि.स.)। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत निर्माणाधीन बिलिमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन का सोमवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण किाय। इस अवसर पर वलसाड के सांसद धवल पटेल और गणदेवी के विधायक नरेश पटेल भी उपस्थित रहे। मंत्री ने स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य, ट्रैक बिछाने और परियोजना की समग्र प्रगति की समीक्षा की।
बिलिमोरा शहर जो अपने आम के बागानों के लिए प्रसिद्ध है, उसी प्रेरणा से स्टेशन का फसाड तैयार किया गया है। स्टेशन का डिज़ाइन शहर की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय पहचान को प्रतिबिंबित करता है। स्टेशन के आंतरिक हिस्सों और प्लेटफ़ॉर्म को पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन के साथ डिज़ाइन किया गया है। फॉल्स सीलिंग को एंटी-वाइब्रेशन हैंगर से लगाया गया है ताकि तेज गति से गुजरती ट्रेनों के कंपन का असर स्टेशन की फिटिंग्स पर न पड़े।
स्टेशन को आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें वेटिंग लाउंज, नर्सरी, स्वच्छ शौचालय, रिटेल आउटलेट, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और बच्चों वाले परिवारों की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। स्टेशन परिसर में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधारोपण किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए अलग पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ ज़ोन, बसों, कारों और दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग तथा ईवी पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है।
स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसमें जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, ऊर्जा दक्षता, लो-फ्लो सैनिटरी फिटिंग्स, कम तापमान प्रवेश वाले ग्लास, और पर्यावरण-अनुकूल पेंट जैसी विशेषताएँ शामिल हैं।
नवसारी जिले के केसली गांव में अंबिका नदी के किनारे स्थित यह स्टेशन अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है—बिलिमोरा रेलवे स्टेशन और बस डिपो दोनों छह किमी की दूरी पर हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-360 मात्र 2.5 किमी दूर है।
स्टेशन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 38,394 वर्ग मीटर है, जिसमें ग्राउंड/कंसोर्स लेवल और प्लेटफ़ॉर्म लेवल दो स्तर हैं। प्लेटफ़ॉर्म की लंबाई 425 मीटर है और यहां दो प्लेटफ़ॉर्म तथा चार ट्रैक बनाए गए हैं। रेल और प्लेटफ़ॉर्म स्लैब कास्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि आर्किटेक्चरल फिनिशिंग और मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं प्लम्बिंग (एमईपी) कार्य तेजी से प्रगति पर हैं।
बिलिमोरा स्टेशन पर आरसी ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है और रेल लेइंग कार (आरएलसी) की मदद से अस्थायी ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। यह तकनीक 200-मीटर वेल्डेड रेल पैनलों को कुशलता से स्थापित करने में मदद करती है, जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम हो जाता है। 320 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनों के सुचारु संचालन के लिए अत्याधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों और मल्टी-लेवल वैरिफिकेशन प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा रहा है।
बिलिमोरा स्टेशन में दो लूप लाइनें हैं, जिनमें चार 1:18 टर्नआउट्स मूवेबल क्रॉसिंग्स के साथ और दो 1:18 क्रॉसओवर्स शामिल हैं। मुख्य लाइन 1:12 टर्नआउट से शाखाबद्ध होकर कन्फर्मेशन कार बेस को जोड़ती है।
10 अक्टूबर तक मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समग्र प्रगति
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 508 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। कुल 325 किमी वायाडक्ट और 400 किमी पियर्स का काम पूरा हो चुका है। 17 नदी पुल, 5 पीएससी ब्रिज और 10 स्टील ब्रिज भी बन चुके हैं। 216 किमी क्षेत्र में 4 लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर्स लगाए जा चुके हैं।
217 ट्रैक किलोमीटर आरसी ट्रैक बेड निर्माण पूरा हो चुका है और लगभग 57 रूट किमी क्षेत्र में 2,300 से अधिक ओएचई मास्ट लगाए जा चुके हैं। पालघर जिले की सात सुरंगों में खुदाई जारी है, जबकि मुंबई के बीकेसी से शिलफाटा तक 21 किमी टनल में से 5 किमी एनएटीएम टनल तैयार हो चुकी है।
सूरत और अहमदाबाद में रोलिंग स्टॉक डिपो निर्माण कार्य प्रगति पर है। गुजरात के सभी स्टेशनों पर सुपरस्ट्रक्चर का कार्य अंतिम चरण में है, वहीं महाराष्ट्र में तीनों एलिवेटेड स्टेशनों का कार्य शुरू हो गया है और मुंबई अंडरग्राउंड स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग चल रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार