पीएम नेतन्याहू ने कहा– “ डोनाल्ड ट्रंप इजराइल के इतिहास में व्हाइट हाउस के सबसे बड़े मित्र”
यरूशलम, 13 अक्टूबर (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल की संसद कनेस्सेट में ऐतिहासिक संबोधन देते हुए कहा, “इजराइल और फिलिस्तीन के लिए लंबा दुःस्वप्न अब समाप्त हो गया है।” उन्होंने यह वक्तव्य गाजा में युद्धविराम और बंधक समझौते के पहले चरण के लागू होने और हमास द्वारा शेष 20 बंधकों की रिहाई के कुछ घंटे बाद दिया।
ट्रंप ने अपने भाषण की शुरुआत में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सराहना करते हुए कहा, “थैंक्यू वेरी मच, बीबी.. ग्रेट जॉब..”। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू के नेतृत्व में “इजराइल ने असाधारण दृढ़ता और साहस दिखाया है।”
ट्रंप ने आगे कहा, “वह ताकतें जिन्होंने इस क्षेत्र में अराजकता और विनाश फैलाया था, अब पूरी तरह पराजित हो चुकी हैं। वर्षों की निरंतर लड़ाई और खतरे के बाद आज आसमान शांत है, बंदूकें खामोश हैं, सायरन थम गए हैं, और यह पवित्र भूमि अंततः शांति की रोशनी में नहाई हुई है।” उन्होंने जोड़ा कि यह केवल युद्ध का अंत नहीं बल्कि “आतंक और मृत्यु के युग का अंत तथा आस्था, आशा और ईश्वर के युग की शुरुआत” है।
ट्रंप के भाषण के दौरान अरब सांसद आयमन ओदेह ने उन्हें बीच में रोकते हुए विरोध दर्ज कराया। ओदेह ने कहा कि “कनेस्सेट में दिखाई जा रही यह कपटपूर्ण प्रशंसा प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार को गाजा में किए गए अपराधों से मुक्त नहीं कर सकती। असली न्याय तभी मिलेगा जब कब्जा खत्म होगा और फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी जाएगी।”
इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अपने संबोधन में ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि “डोनाल्ड ट्रंप इजराइल के इतिहास में व्हाइट हाउस के सबसे बड़े मित्र हैं। किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल के लिए उनसे अधिक नहीं किया।”
नेतन्याहू ने इजराइली सेना की बहादुरी की प्रशंसा की और कहा कि देश ने हमास पर उल्लेखनीय जीत हासिल की है।
कनेस्सेट में ट्रंप के प्रवेश के दौरान सांसदों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया और कई मिनटों तक तालियां बजाईं। उनके साथ विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, दामाद जारेड कुशनर और बेटी इवांका ट्रंप भी मौजूद थीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय