जेनेवा, 14 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को एक स्वास्थ्य सलाह जारी की जिसमें भारत की खांसी की तीन दूषित सिरप के बारे में चेतावनी दी गई है। संगठन ने अपील की कि यदि ये उत्पाद किसी भी देश में मिले तो उसे इस बाबत सूचित किया जाए।
डब्ल्यूएचओ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रभावित दवाएं एस्रेसेन फार्मास्यूटिकल की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रीलिफ के विशिष्ट बैच हैं। एजेंसी ने चेतावनी दी कि ये दूषित उत्पाद महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं और गंभीर, संभावित रूप से जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं।
इस बीच भारत के स्वास्थ्य प्राधिकरण, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने डब्ल्यूएचओ को सूचित किया कि ये सिरप मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हाल ही में कथित ताैर पर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को दिए गए थे जिसके बाद उनकी मृत्यु को गई। खांसी की दवा में विषाक्त 'डाइएथिलीन ग्लाइकॉल' की मात्रा अनुमति सीमा से लगभग 500 गुना अधिक पाई गई।
सीडीएससीओ ने स्पष्ट किया कि दूषित दवाओं का भारत से निर्यात नहीं किया गया है और अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भी शुक्रवार को पुष्टि की थी कि ये विषाक्त खांसी के सिरप अमेरिका को नहीं भेजे गए थे। हालांकि संगठन ने चेतावनी दी है कि अवैध वितरण प्रणाली के जरिए ये सिरप अन्य देशाें तक पहुंच सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल