नई दिल्ली/कोप्पल, 15 अक्टूबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कृषि को लाभकारी व्यवसाय में बदलने के लिए किसानों से सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को संगठित क्षेत्र में लाने की योजना पीएमएफएमई और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) का पूरा लाभ उठाने की अपील की।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कर्नाटक के कोप्पल जिले के मेथागल गांव में ‘किसान प्रशिक्षण एवं साझा सुविधा केंद्र’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि नई पीढ़ी के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार ग्रामीण और कृषि समुदायों के लिए भी फायदेमंद होंगे। इस केंद्र की स्थापना निर्मला सीतारमण के ‘सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि’ (एमपीएलएडी) से की गई है।
सीतारमण ने आगे कहा, दीर्घकालिक रूप से जब हम मूल्य संवर्धन की बात करते हैं, तो प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएम-एफएमई) योजना तुरंत ध्यान में आती है। वित्त मंत्री ने बताया कि पीएमएफएमई योजना कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत केंद्र सरकार वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है और उद्यमों को आधुनिक बनाने में मदद करती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित कर गांवों में रोजगार सृजन पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2020 से अब तक केंद्र सरकार ने राज्यों को 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है। किसानों के लिए 11,000 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि एक लाख से अधिक कृषि उद्यमी सामने आए हैं।’’
सीतारमण ने पीएमडीडीकेवाई योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में इस योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोप्पल इस योजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में से एक है।’’ उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसलों का विविधीकरण प्रोत्साहित करना और 100 कम उत्पादक जिलों में किसानों की आजीविका सुधारना है। उन्होंने बताया कि जैव कीटनाशकों, सूक्ष्म पोषक तत्वों और जैव उर्वरकों पर भी जीएसटी दरों में कटौती की गई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि कर्नाटक के 43 लाख किसान ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के लाभार्थी हैं, जिसके तहत उन्हें प्रतिवर्ष 6,000 रुपये तीन किस्तों में सीधे उनके खातों में दिए जाते हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर दिवाली से पहले जीएसटी परिषद ने नई पीढ़ी के जीएसटी सुधार किए, जिसको नवरात्रि के पहले दिन लागू कर दिया गया। अब कृषि उपकरण, सौर ऊर्जा संयंत्र, ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर कर या तो हटा दिए गए हैं या 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिए गए हैं।’’
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर