- कोंडागांव में 5 लाख की इनामी महिला नक्सली गीता ने किया आत्मसमर्पण
कांकेर/कोंडागांव, 15 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों से लगातार आत्मसमर्पण की खबरें सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को कांकेर जिले के जंगलों से बाहर आकर कामतेड़ा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कैंप में 100 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमपर्ण किया है। इनमें बड़े कैडर के नक्सली राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल हैं। सभी नक्सली बस के जरिए कैंप पहुंचे हैं। सुरक्षा कारणों के चलते बीएसएफ कैंप में हाई अलर्ट जारी किया है। माड़ प्रभाग ने 15 अक्टूबर को आत्मसमर्पण की बात कही थी।
राजू सलाम डिवीजनल कमेटी मेंबर कंपनी नंबर 5 का कमांडर था। वह रावघाट एरिया में सक्रिय था। राजू सलाम कांकेर में पिछले 20 साल के बीच घटी सभी घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मुख्यधारा में लौटने से इलाके में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 100 से अधिक नक्सलियों के आत्मसमर्पण की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इसमें उच्चस्तरीय कमांडर और बड़ी संख्या में माओवादी शामिल हैं। फिलहाल, कांकेर पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों की पहचान करने में जुटी हुई है। संभावना है कि इन्हें जल्द ही जिला मुख्यालय या संभागीय मुख्यालय में मीडिया के सामने पेश किया जाएगा।
महिला नक्सली गीता ने किया आत्मसमर्पण उधर, कोंडागांव जिले में सक्रिय पूर्वी बस्तर डिवीजन की टेलर टीम कमांडर (एलबीडी) रही 5 लाख की इनामी महिला नक्सली गीता उर्फ कमली सलाम ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
महिला नक्सली ने बताया कि शासन की विकास योजनाओं, सड़कों और मोबाइल नेटवर्क के विस्तार, बिजली-पानी की उपलब्धता और ग्रामीणों तक पहुंच रही जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित होकर उसने मुख्य धारा में लौटने का फैसला लिया है।
आत्मसमर्पण करने पर गीता को “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति” के तहत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही शासन की पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे