- अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर नक्सल मुक्त घोषित
- “आत्मसमर्पण करें या सुरक्षा बलों की कार्रवाई झेलें“
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नक्सलियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि जो आत्मसमर्पण करेंगे उनका स्वागत है, लेकिन जो बंदूक उठाए रहेंगे उन्हें सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। शाह ने छत्तीसगढ़ के दो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को आतंकमुक्त घोषित करते हुए कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प पर दृढ़ है।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि छत्तीसगढ़ में आज 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि एकदिन पहले 27 नक्सलियों ने हथियार डाले थे। महाराष्ट्र में भी 61 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की। इस तरह पिछले दो दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
शाह ने लिखा, “हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में विश्वास पुनर्स्थापित करने वाले सभी नक्सलियों के निर्णय की मैं सराहना करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों का ही यह परिणाम है कि नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें ले रहा है।”
गृह मंत्री ने आगे कहा, “हमारी नीति स्पष्ट है- जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे उन्हें सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई झेलनी पड़ेगी। सभी नक्सलियों से मेरी अपील है कि वे अपने हथियार त्यागकर मुख्यधारा में लौट आएं।”
एक अन्य पोस्ट में शाह ने कहा कि “यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब केवल साउथ बस्तर में छिटपुट नक्सली बचे हैं, जिन्हें सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे।”
शाह ने बताया कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। ये आंकड़े केंद्र और राज्य सरकार की उस दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण हैं, जिसके तहत 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार