-माड़ डिवीजन होगा नक्सल मुक्त
जगदलपुर /रायपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सामने शुक्रवार को अब तक का सबसे बड़ा नक्सलियाें का आत्मसमर्पण होगा।बस्तर में बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करने को तैयार हैं। यह जानकारी गुरुवार को उप मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि बस्तर में बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करने को तैयार हैं। हम उनका रेड कार्पेट बिछाकर मुख्यधारा में स्वागत करेंगे। यह नई सरकार के प्रयासों का परिणाम है। बस्तर की जनता अब लाल आतंक नहीं चाहती, वह विकास और शांति चाहती है। बस्तर पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सली नेता रूपेश के नेतृत्व में 140 से अधिक नक्सली शुक्रवार 17 अक्टूबर को 100 से अधिक हथियारों के साथ जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच माड़ इलाके से नक्सलियों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे लोग इंद्रावती नदी पार कर बीजापुर पहुंच रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार नक्सली प्रवक्ता और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) सदस्य रूपेश के साथ आ रहे लोगों में 1 सेंट्रल कमेटी मेंबर, 2 दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर), 15 डिविजनल कमेटी मेंबर कैडर के नक्सली शामिल हो सकते हैं। इससे पूरा माड़ डिवीजन नक्सल मुक्त हो जाएगा। आज जंगल से बाहर निकलने वाले नक्सलियों के लिए एक सब कॉरिडोर की व्यवस्था पुलिस की। क्योंकि जो नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं उनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं, जिसमें एक-47, इंसास राइफल के अलावा एसएलआर भी शामिल हाेने की बात सामने आई है।
एक दिन पहले 15 अक्टूबर को कांकेर जिले में लगभग 100 से ज्यादा नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की बात सामने आई थी। इसमें बड़े कैडर के नक्सली लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल हैं। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा बीएसएफ कैंप में हथियार डाले हैं। सभी नक्सलियों को बस के जरिए कैंप लाया गया है। सुरक्षा कारणों के चलते बीएसएफ कैंप को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयान में कहा गया है कि बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, विश्वास की शक्ति जीत रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज़ पर है। गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महीनों में 477 नक्सली निष्प्रभावी किए गए। 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए हैं जो हमारे छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के अडिग संकल्प का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है यह परिवर्तन हमारी “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार” योजना की सफलता का प्रमाण है। हमारी सरकार के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुँची है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि विगत कुछ दिनों से बस्तर क्षेत्र में बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकार की नीति और निर्देशों के अनुसार प्रभावी एंटी-नक्सल अभियानों के साथ-साथ माओवादी कैडरों को हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करने के लिए निरंतर और ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के मार्गदर्शन में पुलिस, सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन सतत प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अधिक से अधिक माओवादी कैडर अब शांति और सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय ले रहे हैं।_______________
हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे