नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)।
मध्यप्रदेश को आदि कर्मयोगी अभियान के क्रियान्वयन में देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले
प्रथम पांच राज्यों में स्थान मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में
आयोजित में आदि कर्मयोगी अभियान पर आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश को सम्मानित
किया। प्रदेश के प्रमुख सचिव जनजाति कार्य गुलशन बामरा राज्य स्तरीय पुरस्कार ग्रहण किया।
उन्होंने जनजातीय समुदाय के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन
यादव के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुति दी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान
जनजाति समुदायों के सामाजिक आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रारंभ किया गया। इसका
उद्देश्य जनजाति क्षेत्र में ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता का विकास करना, योजनाओं का प्रभावी अमल
सुनिश्चित करना और शासन को और ज्यादा जवाबदेह बनाना है। यह अभियान सेवा, संकल्प और
समर्पण जैसे मूल्यों पर आधारित है जो जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर जागरूक और सशक्त
बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य में राज्य स्तरीय 12 मास्टर ट्रेनर, जिला स्तरीय 287 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए जबकि
विकासखंड स्तर पर 12 हजार मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा संकुल स्तर पर 18150
मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। जनजाति कार्यों के क्रियान्वयन में सहयोग के लिए 1 लाख 41 हजार
से ज्यादा आदि सहयोगी तैयार किए गए हैं जिसमें आम नागरिक, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता
शामिल है। साथ ही एक लाख 92 हजार आदि साथी भी सहयोग कर रहे हैं जिनमें जनजाति समाज के
नेतृत्व करने वाला समुदाय शामिल है।
पीएम जनमन योजना के अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश में
उत्कृष्ट कार्य हुआ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी