रूस का कहना है- यह कोई शीत युद्ध नहीं, पश्चिम के साथ उग्र संघर्ष है

02 Oct 2025 21:42:31

मॉस्को, 02 अक्टूबर (हि.स.)। रूस ने गुरुवार को कहा कि पश्चिमी देशों के साथ उसका रिश्ता अब “शीत युद्ध” (कोल्ड वार) जैसा नहीं रहा, बल्कि यह एक “उग्र संघर्ष” (Fiery Conflict) बन चुका है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ और नाटो “झूठे आरोप” लगाकर अपने विशाल रक्षा बजट को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

जखारोवा ने कहा, “मैं शीत युद्ध से तुलना से सहमत नहीं हूं। यहां बहुत समय से ठंड नहीं है, बल्कि आग है। हम पहले से ही संघर्ष के एक अलग रूप में हैं।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन युद्ध ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप की सबसे घातक लड़ाई का रूप ले लिया है और रूस तथा पश्चिमी देशों के बीच टकराव को 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद सबसे गंभीर स्तर तक पहुंचा दिया है।

पिछले दो महीनों में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई शिखर बैठक के बावजूद शांति की संभावना और दूर होती दिख रही है। रूसी सेनाएं यूक्रेन में आगे बढ़ रही हैं, रूस पर नाटो के हवाई क्षेत्र में ड्रोन भेजने के आरोप लग रहे हैं और वाशिंगटन प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप तक की बात कर रहा है।

यूरोपीय देशों के आरोपों पर कि रूस ने नाटो क्षेत्र में घुसपैठ, तोड़फोड़ और साइबर हमले किए हैं, जखारोवा ने पलटवार किया कि ये “बिन आधार के आरोप” हैं और संकेत देते हैं कि नाटो व यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ “उकसावे की कार्रवाई” की तैयारी कर रहे हैं।

रूस का दावा है कि पश्चिमी देश उसके खिलाफ सैन्य बजट बढ़ाने और रणनीतिक घेराबंदी को वैध ठहराने के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका, यूरोपीय नेता और यूक्रेन इसे रूस की साम्राज्यवादी विस्तारवादी नीति करार देते हुए हर हाल में रूस को पराजित करने का संकल्प जता रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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