संघ के शस्त्र पूजन में पहली बार ड्रोन और पिनाका अग्निबाण प्रक्षेपण प्रतिकृति का हुआ समावेश

02 Oct 2025 19:07:31
संघाच्या विजयादशमी उत्सवात शस्त्रपूजन करताना रामनाथ कोविंद शेजारी डॉ. मोहन भागवत


नागपुर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में यहां आयोजित विजयादशमी उत्सव इस बार ऐतिहासिक और नवाचारपूर्ण सिद्ध हुआ। नागपुर स्थित रेशिमबाग मैदान में गुरुवार काे संघ के हुए पारंपरिक शस्त्र पूजन कार्यक्रम में पहली बार आधुनिक सैन्य उपकरणों (ऑपरेशन सिंदूर में प्रयुक्त) उन्नत ड्रोन और पूर्णतया स्वदेशी निर्मित पिनाका बहुल अग्निबाण प्रक्षेपण प्रणाली की प्रतिकृति काे पूजा में सम्मिलित किया गया। इस अनूठे आयोजन ने परंपरा और प्रौद्योगिकी का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया।

संघ की परंपरा के अनुसार विजयादशमी के दिन तलवार, भाला, धनुष-बाण आदि पारंपरिक शस्त्रों का पूजन किया जाता है। लेकिन इस बार शताब्दी वर्ष के विशेष अवसर पर संघ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए आधुनिक युद्ध तकनीकों का भी सम्मानपूर्वक समावेश किया। इस वर्ष का मुख्य आकर्षण रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रयुक्त उच्च-प्रौद्योगिक ड्रोन की प्रतिकृति, जिसने जनमानस में विशेष उत्सुकता उत्पन्न की। साथ ही चंद्रपुर और अंबाझरी आयुध निर्माणी में निर्मित स्वदेशी पिनाका अग्निबाण प्रक्षेपण प्रणाली की प्रतिकृति को भी सार्वजनिक पूजन के लिए प्रदर्शित किया गया।

विजशदमशी के इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रेशिमबाग मैदान में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विशेष बात यह रही कि संघ के परंपरागत अनुक्रम से हटते हुए सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रारंभ में ही रामनाथ कोविंद को संबोधन के लिए आमंत्रित किया।

अपने उद्बोधन में कोविंद ने डॉ. भीमराव आंबेडकर और संघ के मध्य ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1940 में कराड स्थित संघ शाखा की आंबेडकर द्वारा की गई भेंट और उनके सकारात्मक अनुभवों का उल्लेख किया।

इसके पश्चात् डॉ. भागवत ने ध्वजारोहण, शस्त्र पूजन और अपने प्रेरणादायी भाषण के माध्यम से राष्ट्र की सुरक्षा आवश्यकताओं, सामाजिक समरसता एवं आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित किया।

इस भव्य आयोजन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियाँ तथा देश-विदेश से आमंत्रित अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आगंतुकों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुलकर्णी

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