नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 पर गठित प्रवर समिति ने विशेषज्ञों, उद्योग निकायों, संगठनों और अन्य हितधारकों से प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए आधिकारिक तौर पर परामर्श शुरू कर दिया है।
लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को बताया कि सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली समिति ने प्रतिक्रिया एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रस्तावित बदलाव वर्तमान आर्थिक और कानूनी चुनौतियों का व्यापक और प्रभावी ढंग से समाधान करें।
हितधारकों को अपने विचार और सुझाव ज्ञापन के रूप में अंग्रेजी या हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रस्तुतियां लोकसभा सचिवालय में प्रवर समिति के निदेशक को भेजी जानी चाहिए। वैकल्पिक रूप से सुझाव scibc-cell@lss.sansad.in पर ई-मेल किए जा सकते हैं। प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि घोषणा की तिथि से दो सप्ताह है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा