सोशल मीडिया प्लेटफार्म करेंगे एआई कंटेंट की पहचान, आईटी नियमों में होगा बदलाव

22 Oct 2025 19:43:00
AI Content Social Media Platform IT Rules


नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (हि.स.)। इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आईटी नियमों में बदलाव लाया है। इन बदलावों का उद्देश्य कृत्रिम कंटेंट के सार्वजनिक मंचों से होने वाले प्रयोग से जुड़ी दिक्कतों को हैंडल करना है। अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एआई जनित सामग्री को लेबल करना अनिवार्य होगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आज सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर सभी हितधारकों से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। ये संशोधन विशेष रूप से सिंथेटिक रूप से निर्मित जानकारी यानी डीपफेक जैसी तकनीकों के नियमन से संबंधित हैं।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इंटरनेट को खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह बनाए रखना है। जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरणों की बढ़ती उपलब्धता के कारण फर्जी या भ्रामक सामग्री के प्रसार, चुनावों में हस्तक्षेप, व्यक्तियों की पहचान की नकल तथा अन्य दुरुपयोग की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इन्हीं जोखिमों को देखते हुए मंत्रालय ने व्यापक सार्वजनिक चर्चा और संसदीय विचार-विमर्श के बाद ये मसौदा संशोधन तैयार किया है।

मसौदा संशोधन कृत्रिम कंटेंट की परिभाषा प्रस्तुत करता है। नियम के तहत कंटेंट बनाने और उसमें बदलाव करने वाले प्लेटफ़ॉर्म को मेटाडेटा (पहचान से जुड़ी जानकारी) शामिल करनी होगी। इससे जांच के बाद कृत्रिम कंटेंट की पहचान संभव होगी। नए नियमों के तहत प्लेटफार्मों को एआई-जनरेटेड सामग्री को मार्करों के साथ लेबल करना होगा। दृश्य प्रदर्शन के सतह क्षेत्र के कम से कम 10 प्रतिशत या ऑडियो क्लिप की अवधि के प्रारंभिक 10 प्रतिशत को कवर करेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कानूनी सुरक्षा भी दी जाएगी।

महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफार्म (50 लाख से अधिक उपभोक्ता वाले) को उपयोगकर्ताओं से यह घोषणा लेने की बाध्यता होगी कि अपलोड की गई सामग्री कृत्रिम रूप से उत्पन्न हुई है या नहीं। इसके बाद इन प्लेटफॉर्म्स को एआई-जनरेटेड सामग्री की जांच और लेबलिंग के लिए तकनीकी रुप से जांच कर सार्वजनिक किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। मंत्रालय ने हितधारकों से 6 नवंबर तक मसौदा संशोधनों पर प्रतिक्रिया देने को कहा है। इस कदम से उपयोगकर्ताओं को कृत्रिम और प्रामाणिक जानकारी में अंतर करना संभव होगा।

----------

हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

Powered By Sangraha 9.0