अभिनेता और गायक ऋषभ टंडन का दिल्ली में निधन

22 Oct 2025 13:45:00
ऋषभ टंडन - फोटो सोर्स एक्स


नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (हि.स.)। बॉलीवुड के अभिनेता गोवर्धन असरानी के निधन के बाद सिनेमा जगत से एक और दुखद खबर सामने आई है। जाने-माने अभिनेता और गायक ऋषभ टंडन का आज यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 35 वर्ष के थे। ऋषभ टंडन को उनके मंच नाम 'फकीर' से भी जाना जाता था। उनकी असामयिक मृत्यु से भारतीय फिल्म और संगीत जगत सदमे में है। ऋषभ के करीबी दोस्त ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ऋषभ मुंबई से दीपावली मनाने अपने परिवार के साथ दिल्ली आए थे, जहां उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा। डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।ऋषभ टंडन के असामयिक निधन ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि उनके चाहने वालों को भी गहरा आघात पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर फैंस लगातार उनके पुराने वीडियो, गाने और यादें साझा कर रहे हैं। कई लोगों ने उन्हें 'आवाज़ का फकीर' कहकर श्रद्धांजलि दी है। ऋषभ टंडन के गानों में भक्ति और समर्पण की झलक मिलती थी। उनका सबसे लोकप्रिय गीत ‘शिव तांडव स्तोत्रम’ ने उन्हें नई पहचान दी थी। इस गाने ने सोशल मीडिया और म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर करोड़ों व्यूज़ हासिल किए और उन्हें पूरे देश में प्रसिद्ध कर दिया। इसके अलावा उनके अन्य हिट गानों में 'धू धू करके', 'फकीर की जुबानी' और 'ये आशिकी' शामिल हैं। उनकी आवाज़ में एक अनोखी गहराई और भावनाओं का समावेश था, जो उन्हें समकालीन गायकों से अलग बनाता था।

भगवान शिव के परम भक्त थे ऋषभ

ऋषभ टंडन न केवल एक कलाकार थे बल्कि भगवान शिव के परम भक्त भी थे। वह अक्सर अपने इंटरव्यू और सोशल मीडिया पोस्ट में कहते थे कि उनकी प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत महादेव ही हैं। उनके गानों में भी शिव भक्ति की झलक साफ दिखाई देती थी। उन्होंने कहा था, मेरे गानों में अगर शांति है, तो वह शिव की कृपा है।

सोशल मीडिया पर था बड़ा फैनबेस

'फकीर' के नाम से लोकप्रिय ऋषभ के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों फॉलोअर्स थे। उनके फैंस उनके लाइव सत्रों और आध्यात्मिक संगीत का बेसब्री से इंतजार करते थे। वह सोशल मीडिया पर अक्सर जीवन, प्रेम और अध्यात्म से जुड़ी बातें शेयर करते थे, जिसने उन्हें युवाओं में भी लोकप्रिय बना दिया था। संगीत जगत के कई बड़े कलाकारों ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है। कई म्यूजिक डायरेक्टर्स ने उन्हें एक सच्चा कलाकार बताया, जो व्यावसायिक सफलता से ज्यादा आत्मिक संगीत पर विश्वास करते थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे

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