पंजाब के पूर्व डीजीपी मुस्तफा बाेले- साइकोटिक डिसआर्डर का शिकार था बेटा

22 Oct 2025 17:02:01
पंजाब के पूर्व डीजीपी मुस्तफा 


- कई बार नशा मुक्ति केंद्र भेजने के बावजूद नशे की लत नहीं छूटी

चंडीगढ़, 22 अक्टूबर (हि.स.)। पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक मोहम्मद मुस्तफा ने बेटे की हत्या और साजिश रचने के आरोपों को निराधार करार दिया है। मुस्तफा ने बुधवार को इस मामले की जांच में हर तरह से सहयोग देने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। बेटे की मौत का दर्द वही समझ सकता है, जिसने अपना बेटा खोया हो। दुनिया में इससे बड़ा कोई दुख नहीं होता।

मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि बेटे की मौत के बाद मैं गम में था। मैंने किसी का फोन तक नहीं उठाया। मेरे अंदर हिम्मत नहीं थी। मेरे अंदर का बाप बहुत सक्रिय था। मैंने अपना 35 साल का इकलौता बेटा खोया है, लेकिन अब मैंने अपने अंदर के पिता को सुला दिया है और मेरे अंदर का सैनिक जाग गया है। झूठ के पैर नहीं होते, सच सबके सामने आएगा। पूर्व डीजीपी ने कहा कि बेटा अकील 18 साल से साइकोटिक डिसऑर्डर और नशे की समस्या से जूझ रहा था, कई बार पुलिस कस्टडी में भी रहा। इलाज के दौरान हिंसक हो जाता था और परिवार से दूर हो गया था। 27 अगस्त को उसने वीडियो पोस्ट कर दो घंटे बाद डिलीट किया, पर कुछ लोगों ने डाउनलोड कर गलत इस्तेमाल किया। साइबर थाने में शिकायत दी गई है, आरोपियों को तलब किया जा रहा है।

पूर्व डीजीपी ने बताया कि एक बार मेरी बहू की जान जाते-जाते बची। तब मैंने खुद बेटे को पुलिस के हवाले किया था, लेकिन दोपहर तक उसकी मां, बहू और बहन रोने लगीं। इसके बाद एक बाप का दिल भी पिघल गया। रात तक शिकायत वापस ले ली। 2010 में दोबारा ऐसी ही हरकत की थी। तब भी वहां की लेडी इंस्पेक्टर बेटे को थाने लेकर गई, लेकिन फिर रात को वापस ले आए। उसका दिमाग 40 प्रतिशत तक डैमेज था। मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि बेटा 2006 से नशे की गिरफ्त में था, सॉफ्ट ड्रग से शुरू कर हेरोइन और एसिड तक पहुंच गया, जिससे उसका दिमाग 40 प्रतिशत तक डैमेज हो चुका था। 18 साल तक इलाज और स्कूल बदलने के बावजूद सुधार नहीं हुआ। 2024 में उसने ‘आइस’ ड्रग ली, तब हालत और बिगड़ गई। मैंने कई बार नशा सप्लायरों को पकड़वाया ताकि उसका सोर्स बंद हो, पर सफल नहीं हो पाया। बेटा जब भी हिंसक होता था, मैं मजबूरन पुलिस को बुलाता था।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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