अबू धाबी, 3 अक्टूबर (हि.स.)। अबू धाबी के ग्लोबल एडीएनईसी सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल रेल 2025 सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का गुरुवार को सफल समापन हुआ। इसमें दुनिया भर के 40 देशों से आए करीब 15 हजार विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस वैश्विक मंच पर भारतीय रेल, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल), इरकॉन और राइट्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत की भविष्य की परिवहन रणनीतियों और आधुनिक रेल नेटवर्क पर विचार साझा किए।
अबू धाबी के एतिहाद रेल की ओर से आयोजित इस सम्मेलन के दौरान सड़क मार्ग से माल ढुलाई को आधुनिक रेल पर शिफ्ट करने, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, स्मॉल कार्गों सेवा और गति शक्ति कार्गो टर्मिनल तथा डिजिटल एकीकरण जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि सम्मेलन में स्मार्ट मोबिलिटी, हाई-स्पीड रेल, हरित अवसंरचना और वित्तपोषण रणनीतियों पर विशेष रूप से विचार-विमर्श किया गया। इसका उद्देश्य रेल परिवहन को अधिक टिकाऊ, कुशल, पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक स्वरूप प्रदान करना था।
उन्होंने बताया कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इससे मालगाड़ियों को बिना किसी व्यवधान तेज गति से समय पर संचालित किया जा सकता है। यह प्रणाली लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन नेटवर्क को मजबूती देती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार और आपूर्ति सुचारु बनती है।
सम्मेलन में डीएफसीसीआईएल की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को भी विस्तार से प्रस्तुत किया गया। विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई-स्पीड फ्रेट कॉरिडोर की संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर साझा किया गया।
कार्यक्रम में भारतीय मंडप का संयुक्त उद्घाटन भारत के यूएई राजदूत संजय सुधीर, डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार, आरआईटीईएस के सीएमडी राहुल मित्तल सहित भारतीय रेलवे, आईआरसीओएन और डीएफसीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
डीएफसीसीआईएल ने स्पष्ट किया कि उसके प्रोजेक्ट न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी अहम भूमिका निभाएंगे। यह पहल मेक इन इंडिया और गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को भी नई मजबूती प्रदान करेगी
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार