पेरिस, 03 अक्टूबर (हि.स.)। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलाटी ने गुरुवार को कहा कि काहिरा, कतर और तुर्की के साथ मिलकर हमास को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमास ने इस योजना को ठुकराया, तो संघर्ष और अधिक बढ़ जाएगा।
पेरिस स्थित फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में बोलते हुए अब्देलाटी ने कहा, “हमें किसी भी पक्ष को यह बहाना नहीं देना चाहिए कि वे हमास को गाजा में नागरिकों की बर्बर हत्याओं का आधार बनाएं। यह सिर्फ 07 अक्टूबर की घटना तक सीमित नहीं है। अब यह बदले से आगे निकलकर जातीय सफाए और नरसंहार का रूप ले चुका है। अब बहुत हो चुका।”
उन्होंने कहा कि स्पष्ट है, हमास को हथियार डालने होंगे और इजराइल को कोई ऐसा बहाना नहीं मिलना चाहिए जिससे वह अपना आक्रामक अभियान जारी रखे।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजराइल की कार्रवाई में अब तक गाजा में 66,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
व्हाइट हाउस ने इस हफ्ते की शुरुआत में 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें तत्काल युद्धविराम, हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के बदले इजराइल में कैद फिलिस्तीनियों की अदला-बदली, गाजा से चरणबद्ध इजराइली वापसी, हमास का निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय निकाय द्वारा संचालित एक संक्रमणकालीन सरकार का प्रावधान शामिल है। ट्रंप ने मंगलवार को हमास को इस योजना को मानने के लिए तीन से चार दिन का समय दिया है।
अब्देलाटी ने कहा कि मिस्र इस योजना को व्यवहारिक बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके लिए और बातचीत की जरूरत है। उन्होंने कहा, “इसमें अभी कई खामियां हैं, विशेषकर शासन और सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दों पर। हम ट्रंप योजना और युद्ध समाप्त करने की उनकी दृष्टि का समर्थन करते हैं, लेकिन इसे लागू करने पर और बातचीत जरूरी है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि मिस्र फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन को कभी स्वीकार नहीं करेगा। विस्थापन का मतलब फिलिस्तीनी मुद्दे का अंत है। हम इसे किसी भी परिस्थिति में होने नहीं देंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय