महाराष्ट्र के कोल्हापुर से बिहार में अररिया के 79 बच्चों को रेस्क्यू कर लाया गया

03 Oct 2025 18:09:31
अररिया फोटो:महाराष्ट्र से लाए गए बच्चे का काउंसलिंग


अररिया, 03 अक्टूबर(हि.स.)।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मदरसा में करंट लगने से एक बालक के मौत के हादसे के बाद कोल्हापुर प्रशासन के द्वारा छापेमारी कर मदरसा में रह रहे बच्चों को मुक्त कराया गया। कोल्हापुर प्रशासन की ओर से रेस्क्यू किए गए बच्चों में 79 बच्चे को बिहार के अररिया जिला के हैं। जिन्हें कोल्हापुर से पटना और फिर पटना से प्रशासन के द्वारा अररिया लाया गया।

कोल्हापुर मदरसा में बच्चों के बीच विवाद में एक बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई थी। जिसके बाद कोल्हापुर प्रशासन के द्वारा मदरसा में छापेमारी की गई और बच्चों को मुक्त कराया गया। जिसमें अररिया जिला के 79 बच्चों को मुक्त कराया गया। महाराष्ट्र के कोल्हापुर बाल कल्याण समिति को बच्चों को सौंपा गया था। कल्याणपुर बाल कल्याण समिति ने समाज कल्याण विभाग पटना को रेस्क्यू किए गए बच्चों को सौंपा और वहां से सरकारी निगरानी में सभी बच्चों को शुक्रवार को अररिया लाया गया।

अररिया में जिला बाल संरक्षक इकाई के सहायक निदेशक शंभू रजक और जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा को बच्चों को सौंपा गया।जिला बाल कल्याण समिति के द्वारा सभी बच्चों को पहचान कर उनके माता पिता को तत्काल सौंपा जा रहा है।

मामले को लेकर जिला बाल संरक्षक इकाई के सहायक निदेशक शंभू रजक ने बताया कि कोल्हापुर से पटना और पटना समाज कल्याण विभाग के द्वारा इन बच्चों को अररिया भेजा गया है।उन्होंने बताया कि इन सभी बच्चों का काउंसलिंग कराया जाएगा और फिर इन बच्चों को सरकार के योजना के अनुरूप पुनर्वासित करने का काम किया जाएगा।

जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि मुफ्त में दीनी तालीम अर्थात मजहबी तालीम के नाम पर गरीब मजदूरों के बच्चे को स्थानीय मौलवी ठेकेदारों के द्वारा बच्चों को देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाया जाता है और उनसे बाल मजदूरी जैसे कार्यों को अंजाम दिलाया जाता है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और बच्चों का रेस्क्यू कर भेजा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मजहबी तालीम के नाम पर बच्चों को ले जाने के लिए मौलवियों की एक संगठित गिरोह काम कर रहा है,जो गरीबी और काम के नाम पर बच्चों के परिजनों को बहलाकर ले जाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि जिले में ऐसी कौन से मौलवी ठेकेदार हैं,जो इन मासूम बच्चों को बिहार से बाहर दैनिक तालीम के लिए भेज रहे हैं। जिला बाल कल्याण समिति ऐसे लोगों को भी चिन्हित करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किए गए बच्चों का सही से काउंसलिंग कराया जाएगा और उसके बाद उसे पुनर्वासित करने का काम किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

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