भारतीय उत्पादों से जगमगाएंगे बाजार, स्वदेशी कारोबार की बनेगी नई पहचान: खंडेलवाल

03 Oct 2025 17:24:31
मीडिया को संबोधित करते कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल


मीडिया को संबोधित करते कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल


- दिवाली के इस वर्ष की त्‍योहारी सीजन में 4.75 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री का अनुमान

नई दिल्‍ली, 03 अक्‍टूबर (हि.स)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को लोगों से स्‍वदेशी वस्‍तुओं को अपनाने की गुजारिश करते हुए कहा कि इस बार दिवाली में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती करने से बाजारों में भारतीय उत्‍पादों की रौनक रहेगी और स्वदेशी कारोबार की नई पहचान बनेगा। उन्‍होंने कहा कि इस बार नवरात्रि से शुरु दिवाली के त्‍योहारी सीजन में व्‍यापारियों को 4.75 लाख करोड़ रुपये के करोबार होने की उम्‍मीद है।

कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने राजधानी नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नवरात्रि के साथ ही महीने भर चलने वाले दिवाली के इस त्योहारी सीजन में देशभर के बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि व्यापारी इस बार रिकॉर्ड तोड़ कारोबार की तैयारी में हैं। खंडेलवाल ने बताया कि इस बार दिवाली की बिक्री 4.75 लाख करोड़ रुपये के अब तक के सर्वाधिक स्तर को पार करेगी, जिसमें प्रमुख योगदान भारतीय उत्पादों का होगा।

सांसद खंडेलवाल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्रि के दौरान कैट ने विभिन्न राज्यों के 35 शहरों में व्यापारिक संगठनों से सर्वे कराया गया। इस सर्वे में दो प्रमुख कारण सामने आए हैं, जो इस बार के महीने भर चलने वाले त्योहारी कारोबार को नई ऊंचाई दे रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वदेशी का आह्वान और उनका “वोकल फॉर लोकल–लोकल फॉर ग्लोबल” का दृष्टिकोण, जिसे उपभोक्ताओं का जबरदस्त समर्थन मिला है।

उन्‍होंने कहा क‍ि पिछले चार वर्षों में त्‍योहारी सीजन दिवाली के बिक्री में निरंतर उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, 2021 में 1.25 लाख करोड़ रुपये, 2022 में 2.50 लाख करोड़ रुपये, 2023 में 3.75 लाख करोड़ रुपये और 2024 में 4.25 लाख करोड़ रुपये रहा। खंडेलवाल ने कहा कि इस वर्ष का अनुमानित आंकड़ा 4.75 लाख करोड़ रुपये एक नया कीर्तिमान होगा, जो स्वदेशी की भावना को और उपभोक्ताओं के मेड इन इंडिया उत्पादों की ओर स्पष्ट रुझान को दर्शाता है। कैट महामंत्री ने कहा कि केवल दिल्ली में ही इस बार त्योहारी सीजन की बिक्री का अनुमान 75 हजार करोड़ रुपये लगाया गया है, जो बाजारों की उच्च व्यापारिक भावनाओं को प्रकट करता है।

खंडेलवाल ने कहा की इस दिवाली को अपनी दिवाली–भारतीय दिवाली के रूप में कैट के राष्ट्रीय अभियान भारतीय सामान–हमारा स्वाभिमान के तहत मनाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी आह्वान और जीएसटी की दरों में कटौती के संयुक्त प्रभाव ने व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों में नया उत्साह पैदा किया है। इस वर्ष भारतीय बाजार इतिहास की सबसे बड़ी दिवाली बिक्री के गवाह बनेंगे, जो पूरी तरह स्वदेशी उत्पादों पर आधारित होगी। कैट महामंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती ने व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है, बिक्री को मजबूत बनाने का काम करेगा।

चीनी सामान बाहर, स्वदेशी का दबदबा

खंडेलवाल ने कहा कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार की प्रवृत्ति हर साल और मजबूत होती जा रही है। उन्‍होंने कहा कि 2020 की गलवान घाटी घटना के बाद से व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने चीनी सामान का त्याग करने का ठोस निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप इस दिवाली बाजारों से चीनी उत्पाद लगभग गायब हैं और आयातकों ने दिवाली से जुड़ा कोई भी सामान चीन से मंगाना पूरी तरह बंद कर दिया है।

स्वदेशी खरीदारी की प्रमुख श्रेणियां

कैट महामंत्री ने कहा कि इस बार उपभोक्ता विभिन्न भारतीय उत्पादों को लेकर विशेष उत्साह दिखा रहे हैं– इसमें मिट्टी के दीये, मूर्तियां, वॉल हैंगिंग्स, हैंडीक्राफ्ट, पूजन सामग्री, गृह सजावट से लेकर एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल सामान, बिल्डर्स हार्डवेयर, ऑटोमोबाइल, कपड़ा व टेपेस्ट्री, रेडीमेड वस्त्र, फर्नीचर, खिलौने, मिठाई, पर्सनल केयर उत्पाद, किचनवेयर और बर्तन तक। लगभग हर सेक्टर में बंपर बिक्री की संभावना है, जिसमें भारतीय कारीगर, निर्माता और व्यापारी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

रोशनी, अर्थव्यवस्था और स्वदेशी गर्व का पर्व

उन्‍होंने आगे कहा कि रिकॉर्ड बिक्री अनुमानों, सजे-धजे बाजारों और उत्साहित उपभोक्ताओं के साथ इस वर्ष की दिवाली भारतीय व्यापार इतिहास का नया अध्याय लिखने जा रही है। संदेश साफ है–इस बार की दिवाली स्वदेशी भावना, भारतीय उत्पाद और वैश्विक आकांक्षा के साथ मनाई जाएगी। खंडेलवाल ने कहा कि दिवाली केवल रोशनी और उल्लास का त्योहार नहीं है, बल्कि यह आर्थिक प्रगति का भी पर्व है। इस दिवाली भारतीय वस्तुओं पर खर्च किया गया हर रुपया देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा, रोजगार सृजित करेगा और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करेगा।

प्रेस कांफ्रेंस में महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित स्वदेशी त्योहारी वस्तुओं के लगभग 30 स्टॉलों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी, जिसमें भारतीय उत्पादों की उच्च गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदर्शित किए गए।

त्योहारी कैलेंडर इस बार नवरात्रि से शुरू होकर अहोई अष्टमी (13 अक्टूबर), धनतेरस (18 अक्टूबर), नरक चतुर्दशी (19 अक्टूबर), दिवाली (20 अक्टूबर), गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर) और भाई दूज (22 अक्टूबर) तक चलेगा तथा छठ पूजा (25–28 अक्टूबर) और तुलसी विवाह (2 नवंबर) तक विस्तारित रहेगा। व्यापारी देशभर में हर त्योहार को भव्यता से मनाने और भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

Powered By Sangraha 9.0