ब्रिटेन की नौसेना के साथ भारत के पश्चिमी तट पर शुरू हुआ अभ्यास 'कोंकण'

05 Oct 2025 19:01:31
नौसेना के जहाज (फ़ाइल फोटो)


- पश्चिमी तट पर ​ही भारतीय वायु सेना के साथ 14 अक्टूबर को एक दिवसीय अभ्यास ​होगा

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)।भारतीय नौसेना और​ ब्रिटेन की रॉयल नेवी का द्विपक्षीय अभ्यास कोंकण​ रविवार को भारत के पश्चिमी तट पर शुरू हुआ। पिछले दो दशकों में इस अभ्यास के ​जरिए दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री अभियानों में बेहतर अंतर-संचालन और आपसी समझ को बढ़ावा मिला है।​ यह अभ्यास 12 अक्टूबर को ​खत्म होगा, जिसके बाद 14 अक्टूबर को पश्चिमी तट पर ​ही भारतीय वायु सेना के साथ एक दिवसीय अभ्यास ​होगा।

​नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल के मुताबिक यह अभ्यास 05 से 12 अक्टूबर तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। अभ्यास के बंदरगाह चरण में नौसेना कर्मियों के बीच पेशेवर बातचीत, क्रॉस-डेक दौरे, खेल कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, संयुक्त कार्य समूह की बैठकें और विषय-वस्तु विशेषज्ञों का आदान-प्रदान भी निर्धारित है।

​इसके बाद समुद्री चरण में जटिल समुद्री परिचालन अभ्यास शामिल होंगे, जिनमें वायु-रोधी, सतह-रोधी और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास, उड़ान संचालन और अन्य नौसैन्य कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

​उन्होंने बताया कि भाग लेने वाले दोनों देशों के विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी और तट आधारित वायु परिसंपत्तियां इस अभ्यास में शामिल होंगी। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूके करियर स्ट्राइक ग्रुप (यूके सीएसजी 25) की भागीदारी ने इस वर्ष के अभ्यास को और भी आकर्षक बना दिया है। नॉर्वे और जापान की परिसंपत्तियां भी शामिल हैं। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के वाहक युद्ध समूह द्वारा अन्य सतह, उप-सतह और वायु लड़ाकू विमानों के साथ किया जाएगा।

यह अभ्यास सुरक्षित, खुले और मुक्त समुद्र सुनिश्चित करने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और 'भारत-यूके विजन 2035' में उल्लिखित व्यापक रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।​ भारतीय नौसेना के साथ 12 अक्टूबर को अभ्यास कोंकण के समापन पर यूके सीएसजी 25 अपनी नियोजित तैनाती जारी रखने से पहले 14 अक्टूबर को भारत के पश्चिमी तट पर भारतीय वायु सेना के साथ एक दिवसीय अभ्यास में भाग लेगा।​ दोनों देशों के बीच अभ्यास ​'कोंकण​' रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने, अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने और क्षेत्रीय समुद्री स्थिरता में योगदान देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।

-----------------------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

Powered By Sangraha 9.0