भव्य दुर्गा पूजा कार्निवल में झलकी बंगाल की सांस्कृतिक विरासत, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बजाया ढाक

05 Oct 2025 21:47:31
कार्निवल


कोलकाता, 5 अक्टूबर (हि.स.)। बंगाल की समृद्ध संस्कृति और कला कौशल का अद्भुत प्रदर्शन रविवार को कोलकाता की प्रसिद्ध रेड रोड पर देखने को मिला, जब करीब 100 पुरस्कार प्राप्त दुर्गा पूजा समितियों ने सजाए गए झांकियों पर अपनी खूबसूरती से सजे प्रतिमाओं के साथ भव्य परेड निकाली। यह कार्निवल विजयादशमी के तीन दिन बाद आयोजित किया गया।

राज्य सरकार की ओर से आयोजित यह दुर्गा पूजा कार्निवल बंगाल की कलात्मक विरासत और प्रसिद्ध पंडालों के पीछे की शिल्पकला को प्रदर्शित करने का माध्यम है। पिछले 10 वर्षों से यह आयोजन घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, हालांकि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ रेड रोड पर आयोजित इस कार्निवल में हिस्सा लिया। शाम 4:30 बजे पारंपरिक ढाक की थाप और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच परेड की शुरुआत हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद भी ढाक बजाकर उत्सव का हिस्सा बनीं।

इस वर्ष की परेड में कॉलेज स्क्वायर, श्रीभूमि स्पोर्टिंग, बालीगंज कल्चरल, जोधपुर पार्क, अजेयो संघति, बरुईपुर पद्मपुकुर यूथ क्लब, भवानीपुर 75 पल्ली, दुमदम तरुण दल, काशी बोस लेन, नाकतला उदयन संघ, अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन (कोलकाता पुलिस) और कई अन्य प्रसिद्ध पूजा समितियों ने भाग लिया।

विदेशी मेहमानों और हजारों दर्शकों ने की प्रशंसा

कार्यक्रम में हजारों दर्शकों के साथ-साथ विदेशी दूतावासों के प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक मौजूद रहे। सभी पूजा समितियों ने अपने-अपने कलात्मक प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया। राज्य सरकार की ओर से स्थापित विश्व बंगला पुरस्कार उन समितियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने पंडालों में अद्वितीय रचनात्मकता और सौंदर्य का परिचय दिया हो। पूरे शहर ने इन दिनों एक विशाल कला दीर्घा का रूप ले लिया है, जहां आम से लेकर खास तक, हर वर्ग के लोग कला की इस प्रस्तुति का आनंद उठाते हैं।

संगीत और नृत्य से सजी शाम

कार्निवल में प्रसिद्ध बांग्ला गीतों की भी प्रस्तुति दी गई, जिनमें डी. एल. रॉय का ‘धन धान्य पुष्पभरा’, प्रतुल मुखर्जी का ‘आमी बांगलाय गान गाई’, मोनाली ठाकुर का ‘दुग्गा एलो’ और रवींद्रनाथ टैगोर का ‘अजी बांग्लादेशेर हृदय होते’ शामिल रहे। मुख्यमंत्री द्वारा लिखित कुछ गीत भी प्रस्तुत किए गए, जो बंगाल की प्राकृतिक सुंदरता और विरासत का उत्सव मनाते हैं।

बांग्ला फिल्म उद्योग की कई हस्तियों ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया और ढाक की थाप पर झूम उठीं। साहित्य और खेल जगत के प्रसिद्ध व्यक्तित्वों ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

युनेस्को से मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में युनेस्को ने बंगाल की दुर्गा पूजा को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ का दर्जा दिया था।

कार्यक्रम के दौरान व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। रेड रोड और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की मोबाइल पेट्रोलिंग, रैपिड रिस्पांस टीमें और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था रही। भीड़ नियंत्रण के लिए कई स्थानों पर वॉच टावर लगाए गए थे। सुरक्षा कारणों से दोपहर से ही यातायात प्रतिबंध लागू कर दिए गए थे ताकि झांकियों की आवाजाही में कोई बाधा न हो।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

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