(अपडेट) बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान, 6 और 11 नवंबर को मतदान

06 Oct 2025 20:40:32
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से जुड़ी तस्वीर


नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (हि.स.)। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा के आम चुनाव और सात राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से जुड़े कार्यक्रम की घोषणा कर दी। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। प्रथम और द्वितीय चरण का मतदान क्रमशः 6 और 11 नवंबर को होगा। वहीं, उपचुनाव से जुड़ा मतदान 11 नवंबर को होगा। सभी के लिए मतगणना 14 नवंबर को होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी की उपस्थिति में आज दिल्ली के विज्ञान भवन में बिहार चुनाव और सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से जुड़े कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार में दो चरणों में मतदान कराए जाने का फैसला लिया गया है। ऐसा बेहतर कानून व्यवस्था और अन्य स्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि आयोग की पूरी टीम और राज्य प्रशासन मिलकर बिहार में निष्पक्ष, सुरक्षित और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराएंगे।

बिहार में कुल 243 सीटों में से पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों और दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर मतदान होगा। इनमें से 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और दो सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।

पहले चरण में बिहार के गोपालगंज, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, पटना, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा और सहरसा में मतदान पहले चरण में होगा। दूसरे चरण में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल, रोहतास और कैमूर जिले में मतदान होगा।

पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। इस चरण के लिए नामांकन 17 अक्टूबर, नामांकन की जांच 18 अक्टूबर और 20 अक्टूबर तक उम्मीदवार वापस ले सकेंगे। दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर को अधिसूचना, 20 अक्टूबर तक नामांकन, 21 अक्टूबर को नामांकन की जांच और 23 अक्टूबर तक नाम वापसी लिए जा सकते हैं।

राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिला और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, 14 हजार 100 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और 1.63 लाख सेवा मतदाता हैं। राज्य में 18 से 19 वर्ष की आयु के 14.01 लाख और 20 से 29 वर्ष की आयु के 1.63 करोड़ मतदाता हैं। इस चुनाव में करीब 14 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। नए मतदाताओं को 15 दिनों के भीतर वोटर कार्ड प्रदान किए जाएंगे।

उपचुनाव से जुड़ी सीटें हैं- जम्मू कश्मीर की बडगाम और नगरोटा, राजस्थान की अंता, झारखंड की घाटशिला (एसटी), तेलंगाना की जुबली हिल्स, पंजाब की तरनतारन, मिजोरम की डम्पा सीट, ओडिशा की नुआपाड़ा। इनमसें से बडगाम इस्तीफे और राजस्थान की अंता सीट अयोग्य ठहराए जाने से रिक्त हुई थी। बाकी सभी सीटें विधायकों के देहांत के कारण रिक्त हुई थी।

इन सीटों पर दूसरे चरण के तहत मतदान होगा। लेकिन कुछ तिथियां में स्थानीय स्थितियों को देखते हुए बदलाव है। सभी सीटों के लिए 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। जम्मू-कश्मीर और ओडिशा के लिए 20 अक्टूबर तक नामांकन और बाकी सीटों के लिए 21 अक्टूबर तक नामांकन किया जा सकता है। नामांकन की जांच और नाम वापसी 22 अक्टूबर और 24 अक्टूबर को होगी। केवल राजस्थान की अंता सीट पर यह तिथियां 23 अक्टूबर और 27 अक्टूबर रहेगी।

जम्मू-कश्मीर की बडगाम सीट से उमर अब्दुल्ला ने इस्तीफा दे दिया था। राजस्थान की अंता से कंवरलाल को अयोग्य ठहराया गया था। वहीं जम्मू-कश्मीर की नगरोटा से देवेन्द्र सिंह राणा, झारखंड घाटशिला (एसटी) सीट से रामदास सोरेन, तेलंगाना जुबली हिल्स से मगंती गोपीनाथ, पंजाब तरनतारन से डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, मिजोरम डम्पा (एसटी) से लालरिंतलुआंगा सैला और ओडिशा नुआपाड़ा से राजेंद्र ढोलकिया का निधन हो गया था।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 76,801 ग्रामीण क्षेत्रों और 13,911 शहरी क्षेत्रों में हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन 818 मतदाता होंगे। इसके अलावा 292 दिव्यांग, 38 युवा और 1,044 महिला संचालित मतदान केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही, 1,350 आदर्श मतदान केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि निगरानी सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने कहा कि बिहार ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के मामले में पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश की है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूचियों को अद्यतन किया गया है। मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को दावे और आपत्तियाँ दर्ज कराने का अवसर दिया गया था। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई। नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा जा सकता है, लेकिन नामांकन के बाद कोई नाम नहीं जोड़ा जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा

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