मप्र में 16 बच्चों की मौत के बाद सरकार की बड़ी कार्रवाई, ड्रग कंट्रोलर हटाए गए, 3 अफसर निलंबित

06 Oct 2025 23:21:31
मृतक बच्चों के परिजन से मिले मुख्यमंत्री


- मृतक बच्चों के परिजन से मिले मुख्यमंत्री

भोपाल, 06 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र और बैतूल जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन के बाद किडनी फैल होने अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटाने तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन निलंबित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर दिनेश कुमार मौर्य को नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन पद से हटा दिया गया है। सोमवार देर शाम सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार, उन्हें अपर सचिव म.प्र. शासन पदस्थ किया है। वहीं, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संचालक दिनेश श्रीवास्तव को अपने वर्तमान कर्त्तव्यों के साथ नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर छिंदवाड़ा के परासिया में शिशुओं की मृत्यु के प्रकरण में दवा कोल्डरिफ सिरप के विक्रय और भंडारण में गंभीर अनियमितताएं और प्रारंभिक जांच में तीन कर्मियों की प्रारंभिक लापरवाही पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में सोमवार देर शाम आदेश जारी कर दिए गए हैं। निलंबित अधिकारियों में शोभित कोष्टा उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी भोपाल, शरद कुमार जैन औषधि निरीक्षक, जबलपुर और गौरव शर्मा औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के डीसीजीआई एवं सीडीएससीओ नई दिल्ली द्वारा 18 दिसंबर 2023 को जारी दिशा-निर्देशों तथा 15 अप्रैल 2025 के राजपत्र (गजट) अधिसूचना में क्लोरफेनिरामिन मेलिएट और फिनाइलएफ्रिन एचसीआई के संयोजन का उपयोग चार वर्ष से कम आयु के बच्चों में प्रतिबंधित किया गया है और औषधि के लेबल पर संबंधित चेतावनी का उल्लेख अनिवार्य है। उक्त निर्देशों के बावजूद इन मानकों का पालन न किए जाने को राज्य शासन ने गंभीरता से लेते हुए उक्त कार्यवाही की।

मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को बंधाया ढांढस, कहा- यह सिर्फ आपकी नहीं, हम सबकी पीड़ामुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कफ सिरप के सेवन से हुई मासूम बच्चों की असामयिक मृत्यु की घटना पर अत्यंत संवेदनशील कदम उठाते हुए पूर्व में तय अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर सोमवार को छिंदवाड़ा के परासिया पहुंचे और मृत बच्चों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजन से भेंटकर गहन दु:ख व्यक्त कर उन्हें ढांढस बंधाया और भरी आंखों से अपनी आत्मीय संवेदनाएं व्यक्त कीं। मुख्यमंत्री की मौजूदगी ने शोक संतप्त परिजन को एक भावनात्मक संबल दिया।

मुख्यमंत्री ने परासिया क्षेत्र की नगर परिषद न्यूटन पहुंचकर मासूम को खोने वाले खान परिवार और ग्राम बेलगांव के डेहरिया परिवार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री बाद में परासिया मुख्यालय पहुंचे और वहां खान परिवार, ग्राम दीघावानी के यदुवंशी परिवार और उमरेठ के सोनी परिवार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्राम बड़कुही पहुंचकर यहां के ठाकरे परिवार, ग्राम सेठिया के पिपरे परिवार और ग्राम इकलेहरा के उईके परिवार से मुलाकात कर उनके दुःख में शामिल हुए और शोक संतप्त परिजन के आंसू पोछते हुए कहा कि यह सिर्फ आपकी नहीं, मेरी और हम सबकी पीड़ा है। आपके बच्चों का दुख मेरा भी है। वेदना की इस घड़ी में मैं, और पूरी सरकार आपके साथ है। उन्होंने कहर कि सभी दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है।

न्यूटन में खान परिवार की पीड़ित माता आफरीन, जिन्होंने अपना 5 वर्ष का बेटा खोया है, मुख्यमंत्री को अपने समक्ष देखकर रो पड़ी। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को तो नहीं बचा पाए, लेकिन अभी जो बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, यदि वे बच जाएंगे, तो हमारे दिल को बड़ी दिलासा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना अत्यंत ही दुखद और हृदयविदारक है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सबको न्याय मिलेगा। घटना के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति या संस्था इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कठोरतम दंड दिलाया जाएगा। आज ही दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीड़ित परिजन से कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में उनके साथ है। कोई भी परिजन खुद को असहाय या अकेला महसूस न करे। सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जनता के सुख-दुख में राज्य सरकार हमेशा सहभागी है। घटना से पीड़ित परिजन को सभी प्रकार की शासकीय मदद तत्परता से मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को सांत्वना देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी दुघर्टनाओं की पुनरावृत्ति कतई नहीं होने पाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं। साथ ही भर्ती बच्चों का इलाज ठीक तरीके से हो, इसके लिए प्रशासनिक टीम भी तैनात कर दी गई है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में हुई घटना में कार्रवाई करते हुए हमने तमिलनाडु की संबंधित फैक्ट्री की दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है। कड़ी कार्यवाही करते हुए तीन अधिकारियों उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी औषधि प्रशासन भोपाल शोभित कोष्टा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद जैन और औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। फूड एंड ड्रग कंट्रोलर को भी स्थानांतरित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावित परिवारों से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार ने सख्त कार्यवाही की है। संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही के अलावा जिस मेडिकल स्टोर से यह दवा बेची गई थी, उस मेडिकल स्टोर और दवा स्टॉकिस्ट दोनों पर कठोर कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बेहद संवेदनशील है और हमारा पूरा प्रयास है‍कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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