कोलकाता, 6 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर बंगाल में भारी बारिश और भूस्खलन से हुई तबाही के बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार दोपहर उत्तर बंगाल के बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा करने से पहले कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मुझे पता है कि पैसे से किसी की जान की भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह संकट में लोगों के साथ खड़ी रहे। इसलिए मुआवजा और नौकरी की यह मदद दी जा रही है, ताकि पीड़ित परिवारों को भविष्य में दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि उत्तर बंगाल की स्थिति और भी खराब इसलिए हुई, क्योंकि पड़ोसी देश भूटान से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया। उन्होंने इस आपदा को “मानव-निर्मित” बताया। ममता बनर्जी के अनुसार, जैसे दक्षिण बंगाल में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बांधों से पानी छोड़ने से बाढ़ की स्थिति बनी, वैसे ही भूटान की ओर से पानी छोड़े जाने के कारण उत्तर बंगाल में यह संकट पैदा हुआ।
हालांकि, भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा आपदा के समय जिम्मेदारी से बचने के लिए दोषारोपण का खेल शुरू कर देती हैं। दक्षिण बंगाल में वह डीवीसी को दोष देती हैं और उत्तर बंगाल में भूटान को। उन्हें यह समझना चाहिए कि इस समय प्राथमिकता लोगों की मदद करना है, न कि आरोप-प्रत्यारोप में उलझना।
राज्य सरकार के अनुसार, अब तक उत्तर बंगाल के पहाड़ी, तराई और डुआर्स (भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में हिमालय की तलहटी में स्थित जलोढ़ बाढ़ के मैदान) क्षेत्रों में बारिश और भूस्खलन के कारण कम से कम 23 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर