नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (हि.स.)। एग्रीकल्चरल फूड्स का कारोबार करने वाली बिक्री करने वाली रुक्मणी देवी गर्ग एग्रो इंपेक्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 99 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 79.20 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर फिसल कर 75.24 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। हालांकि कुछ देर बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण लोअर सर्किट ब्रेक हो गया। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर 77.13 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को करीब 22.09 प्रतिशत का नुकसान हो गया।
रुक्मणी देवी गर्ग एग्रो इंपेक्स का 23.52 करोड़ रुपये का आईपीओ 26 से 30 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 29.59 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 8.24 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 77.12 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 39.73 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 23.76 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 47 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 5.02 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 7.57 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी की आय में उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को कुल 248.50 करोड़ रुपये की आय हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में कम होकर 245.02 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 327.32 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता गया। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में कंपनी पर 25.13 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 26.84 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 49.21 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 13.34 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 18.36 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 25.93 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक