- दूरदर्शी कलाकार के निधन पर असम में शोक
गुवाहाटी, 07 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित फिल्म निर्माता अरूप बरठाकुर का बीती देर रात लगभग 11 बजे के आसपास गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह पिछले कई महीनों से बीमारी से जूझ रहे थे।
वृत्तचित्र निर्माण में अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध बरठाकुर ने 1990 में ब्यूटी सभापंडित द्वारा निर्मित नोतुन आशा के लिए सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की। उनकी अंतर्दृष्टिपूर्ण कहानी और दृश्य गहराई ने असमिया कला और समाज के कई अनछुए पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। हाल के वर्षों में प्रसिद्ध मूर्तिकार बीरेन सिंह के जीवन पर आधारित उनकी वृत्तचित्र शैडो ऑफ ए मार्बल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान मिली और फिल्म समारोहों में कई पुरस्कार जीते।
कला और सिनेमा में उनकी उल्लेखनीय यात्रा को सम्मानित करते हुए बरठाकुर को रंगमंच और संस्कृति में उनके आजीवन योगदान के लिए 2025 में 18वें रोदाली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने अंतिम दिनों तक फिल्म निर्माता पूरी लगन से अपने काम में लगे रहे। इस समय वह जिमोनी चौधरी द्वारा लिखित कहानी, पटकथा और संवाद पर आधारित एक फीचर फिल्म पर काम कर रहे थे।
उनके निधन से असम के फिल्म जगत में गहरा शोक छा गया है। साथी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और उनकी सिनेमाई दृष्टि के प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय