नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (हि.स.)। जैपफ्रेश ब्रैंड नेम से फ्रेश मीट प्रोडक्ट्स बेचने वाली कंपनी डीएसएम फ्रेश फूड्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 100 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 120 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी देर में ही 126 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 26 प्रतिशत का मुनाफा हो गया।
डीएसएम फ्रेश फूड्स का 59.06 करोड़ रुपये का आईपीओ 26 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से फीका रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.36 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.53 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 2.06 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन सिर्फ 0.96 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 59,06,400 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ ही मार्केटिंग करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 2.74 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 4.67 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 9.05 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 52 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 131.47 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी पर 2.07 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 7.65 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 31.70 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 16.46 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 37.95 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में फिसल कर 32.70 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक