काठमांडू, 09 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाली कांग्रेस और नेकपा एमाले भंग प्रतिनिधि सभा की बहाली और वर्तमान सरकार की वैधता पर सवाल उठाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। भंग किए गए प्रतिनिधि सभा में ये दोनों सबसे बड़ी पार्टी रही है।
नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. प्रकाश शरण महत ने बताया कि दोनों ही दल संयुक्त रूप से इस विषय पर कानूनी परामर्श में शुरू से जुटी हुई है। महत का दावा है कि जैसे ही अदालती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी उसी दिन हमारे तरफ से कोर्ट के याचिका दाखिल करने की तैयारी है।
नेकपा एमाले के उपमहासचिव प्रदीप ज्ञवाली ने कहा कि संसद भंग किसी भी दृष्टि से संवैधानिक नहीं है। उन्होंने बताया कि अदालत का ही आदेश है कि जब तक सरकार बनने की संभावना बनी रहेगी तब तक संसद भंग नहीं होना चाहिए। उसी को आधार बना कर रिट दायर करने की तैयारी है।
इन दोनों दलों का मानना है कि सुशीला कार्की सरकार का गठन भी असंवैधानिक है इसलिए इस सरकार की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया जाएगा। नेपाल के जानेमाने संविधान विशेषज्ञ भीमार्जुन आचार्य ने कहा कि संसद भंग और सरकार की वैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट एक साथ ही अदालत में दायर की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास