
नई दिल्ली, 10 नवंबर (हि.स)। अजमान न्यूवेंचर्स सेंटर फ्री जोन (एएनसीएफजैड) ने अपने कारोबार के पहले साल ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। अजमान नुवेंचर्स सेंटर फ्री जोन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋषि सोमैया ने सोमवार को कहा कि इसकी शुरुआत अक्टूबर 2024 में की गई। अब तक 6,500 से अधिक रजिस्टर्ड कंपनियां यहां आ गई हैं। ये अजमान के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
सोमैया ने कहा कि पंजीकृत कंपनियों का आंकड़ा अगले साल 10,000 के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से करीब 45-50 प्रतिशत कंपनियां भारत से होंगी। अजमान न्यूवेंचर्स, ‘फ्री जोन’ में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई में रोड-शो आयोजित कर रही है। यूएई के सबसे डायनामिक बिज़नेस हब के बीच खास पहचान और एफडीआई में बड़े योगदान के साथ यह निवेशकों और उद्यमियों की पहली पसंद बन रहा है। वे बेहतर कार्य क्षमता, कम लागत और डिजिटल सुविधा की चाहत में एएनसीएफजैड का रुख कर रहे हैं।
एएनसीएफजैड के चेयरमैन शेख मोहम्मद बिन अब्दुल्ला अल नुएमी ने कहा कि अजमान के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। यह अजमान विजन 2030 के अनुसार कारोबार के शानदार केंद्र के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होने का प्रमाण है। एक साल के अंदर 6,500 से अधिक कंपनियों का यहां आना अजमान की दूरदर्शी आर्थिक नीतियों और फ्री ज़ोन के इनोवेटिव डिजिटल मॉडल पर उद्यमियों के अटूट भरोसे का प्रमाण है। एएनसीएफजैड ने शुरू से ही पूरी तरह इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम इस क्षेत्र में बिज़नेस खड़ा करने का नया नजरिया पेश किया है। यह निवेशकों को दो घंटे के अंदर बिज़नेस लाइसेंस और 24 घंटे के अंदर वीज़ा प्रोसेसिंग का काम पूरा करने की सुविधा देता है।
यूएई के राष्ट्रीय बाजार में 45 से अधिक फ्री जोन मौजूद हैं। इनके बीच एएनसीएफजैड की खास पहचान है, क्योंकि ये तेज नवाचार पर केंद्रित और ग्राहक प्रधान फ्री जोन है। यह फ्री जोन व्यवसाय लगाने में समय का अनुकूलन करता है और उच्च स्तरीय डिजिटल प्रक्रियाओं पर जोर देता है। विश्व बैंक के अनुसार सभी व्यवसायों में लगभग 90 प्रतिशत और वैश्विक रोजगार में आधा से अधिक योगदान छोटे और मध्यम उद्यमों का है। फिर भी ऐसे बहुत से उद्यमों को विकास के लिए जरूरी ऋण नहीं मिलने से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अगले एक दशक में 1.2 अरब युवाओं के कार्यबल में कदम रखने का अनुमान है और सिर्फ 420 मिलियन नई नौकरियों का अनुमान है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर