भारत ने विकसित किया पहला स्वदेशी क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप

12 Nov 2025 14:39:00
भारत ने विकसित किया पहला स्वदेशी क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप


-न्यूरोसाइंस और चिप परीक्षण में देगा नई दिशा

नई दिल्ली, 12 नवंबर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे ने देश का पहला स्वदेशी क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप तैयार किया है। यह उपकरण गतिशील चुंबकीय क्षेत्र की त्रि-आयामी छवि बना सकता है। यह तकनीक न्यूरोसाइंस, मटेरियल रिसर्च और सेमीकंडक्टर चिप परीक्षण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। यह उपलब्धि भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत हासिल की गई है और इसके साथ ही भारत को इस क्षेत्र में पहला पेटेंट भी प्राप्त हुआ है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, इस माइक्रोस्कोप की घोषणा हाल ही में संपन्न एमर्जिंग साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव के दौरान की गई। यह तकनीक चिप की भीतरी परतों में चुंबकीय क्षेत्र की थ्री डी मैपिंग कर सकती है। इससे उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और स्वायत्त प्रणालियों के परीक्षण में नई संभावनाएं खुलेंगी। यह परियोजना मंत्रालय के अधीन संचालित की जा रही है।

कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के सूद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंडिकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे की प्रोफेसर कस्तूरी साहा के नेतृत्व में विकसित यह माइक्रोस्कोप नाइट्रोजन वैकेंसी केंद्रों पर आधारित है। इन केंद्रों में नाइट्रोजन परमाणु के समीप एक रिक्त स्थान बनता है जो कमरे के तापमान पर भी मजबूत क्वांटम समन्वय प्रदर्शित करता है। इसकी सहायता से चुंबकीय, विद्युत और तापीय परिवर्तनों का सटीक आकलन किया जा सकता है।

यह उपकरण पारंपरिक सूक्ष्मदर्शी की तरह कार्य करता है, किंतु नैनो स्तर पर चुंबकीय क्षेत्र की त्रि आयामी छवि बनाने में सक्षम है। यह तकनीक 3डी चिप आर्किटेक्चर, क्रायोजेनिक प्रोसेसर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अध्ययन में उपयोगी सिद्ध होगी।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अनुरूप प्रोफेसर साहा की टीम अब इस माइक्रोस्कोप को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग आधारित संगणनात्मक इमेजिंग प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे उन्नत चिप परीक्षण, जैविक इमेजिंग और भूवैज्ञानिक चुंबकीकरण के अध्ययन को नई गति मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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