पाकिस्तान सरकार संघीय संवैधानिक न्यायालय की स्थापना को तैयार, आज नेशनल असेंबली में विधेयक पारित होने को लेकर आश्वस्त

12 Nov 2025 12:18:01
पाकिस्तान नेशनल असेंबली की कार्यवाही की यह तस्वीर अप्रैल 2022 की है। फोटो - इंटरनेट मीडिया


इस्लामाबाद, 12 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान सरकार ने देश में संघीय संवैधानिक न्यायालय स्थापित करने की पूरी तैयारी कर ली है। उसे उम्मीद है कि नेशनल असेंबली में आज 27वां संविधान संशोधन विधेयक आसानी से पारित हो जाएगा। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सरकार इस न्यायालय की स्थापना कल ही करना चाहती है। उसने संघीय संवैधानिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और बाकी न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में अपनी प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस विधेयक पर पूर्वाह्न 11 बजे बहस शुरू हो चुकी है।

जियो न्यूज के अनुसार, द न्यूज अखबार ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा कि सरकार 27वें संविधान संशोधन के पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के तुरंत बाद गुरुवार को संघीय संवैधानिक न्यायालय (एफसीसी) की स्थापना करना चाहती है। सरकार आज बहस के बाद विधेयक को शाम तक पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मंजूरी मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह संविधान का हिस्सा बन जाएगा। संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार गुरुवार को एफसीसी के न्यायाधीशों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की योजना बना रही है। यह औपचारिक रूप से नए न्यायालय की शुरुआत का प्रतीक होगा।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने संघीय संवैधानिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में अपनी प्रारंभिक तैयारी पूरी कर ली है। न्यायाधीशों की प्रारंभिक संख्या राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से निर्धारित की जाएगी। 27वें संविधान संशोधन के तहत राष्ट्रपति देश के प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करते हुए एफसीसी में न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे। सीनेट से सोमवार को 27वें संविधान संशोधन को मंजूरी मिल चुकी है। आज नेशनल असेंबली की मंजूरी इसके शीघ्र कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करेगी। परिणामस्वरूप गुरुवार को संघीय संवैधानिक न्यायालय की औपचारिक स्थापना होगी।

डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 27वें संविधान संशोधन विधेयक को कानूनमंत्री आजम नजीर तरार ने संसद के निचले सदन में विचार-विमर्श के लिए पेश किया था। पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सोमवार को विपक्ष के विरोध के बीच सीनेट से इस विवादास्पद विधेयक को पारित कराने में सफल रही। अब इसे नेशनल असेंबली की मंजूरी की जूरूरत है। इसके लिए 336 सदस्यीय सदन में दो-तिहाई बहुमत जरूरी होगा।

सत्तारूढ़ गठबंधन के पास आवश्यक संख्या बल है। पीएमएल-एन के पास 125, पीपीपी के पास 74, मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के पास 22, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क़ायद के पास पांच, इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी के पास चार, और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-जिया और बलूचिस्तान अवामी पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पास एक-एक सीट है। विपक्ष के पास मात्र 103 सीटें हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

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